पंचक्रोशी यात्रा 23 अप्रैल से होगी प्रारंभ, तैयारियों में जुटा प्रशासन: 15 अप्रैल तक पूरी होंगी सभी तैयारियां, यात्रा मार्ग पर CCTV, LED स्क्रीन से होगी कड़ी निगरानी!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन में पंचक्रोशी यात्रा आगामी 23 अप्रैल से प्रारंभ होगी, जिसे लेकर प्रशासन पूरी तरह से तैयारियों में जुट गया है। यात्रा को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए विभिन्न विभागों को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। प्रशासन ने सभी संबंधित विभागों को निर्देशित किया है कि वे 15 अप्रैल तक अपने सभी कार्य पूर्ण कर लें और इसकी लिखित रिपोर्ट जिला पंचायत उज्जैन को सौंपें।
यात्रा मार्ग को सुगम बनाने के लिए लोक निर्माण विभाग की जिम्मेदारी
लोक निर्माण विभाग (भवन एवं पथ) को यात्रा मार्ग पर सभी पड़ावों और उप-पड़ावों पर समतलीकरण करने का कार्य सौंपा गया है। इसके तहत पंचक्रोशी मार्ग का संधारण, सड़क किनारे की कटीली झाड़ियों को हटाना, मार्ग पर आने वाली बाधाओं को दूर करना, मंदिरों में बैरिकेटिंग की व्यवस्था करना शामिल है। इसके अलावा, यात्रा मार्ग में आने वाले नदी-नालों, पुलों और पुलियाओं पर रेलिंग लगवाने का कार्य भी इसी विभाग के अधीन रहेगा। पिंग्लेश्वर रेलवे पुलिया के नीचे मुरम डालकर रोलिंग करने और बारिश के समय जल निकासी की उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।
इसके अतिरिक्त, कालियादेह ग्राम से चक कमेड़ अष्टतीर्थ मार्ग का संधारण (लगभग 3 किमी), जैथल से उंडासा जाने वाले मार्ग पर यात्रियों के लिए अलग रास्ता बनाने, मक्सी रोड क्रॉसिंग पर दुर्घटनाओं से बचाव के लिए आवश्यक कदम उठाने, तथा पुलिया मरम्मत एवं रेलिंग लगाने जैसे महत्वपूर्ण कार्य मार्च माह तक पूर्ण किए जाने हैं। कालियादेह पेलेस के गहरे कुण्डों पर बैरिकेटिंग लगाने और लोगों को आगाह करने के लिए संकेतक लगाने का भी निर्देश दिया गया है।
शुद्ध पेयजल की व्यवस्था लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के जिम्मे
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को यात्रा मार्ग पर शुद्ध पेयजल की स्थाई और अस्थाई व्यवस्था करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रत्येक 500 मीटर की दूरी पर श्रद्धालुओं के लिए पेयजल टैंकर, अस्थाई टंकियां और नल-जल योजना के माध्यम से जलापूर्ति की जाएगी। यात्रा मार्ग में विभिन्न स्थानों पर स्नान और अन्य निस्तारी कार्यों के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
इसके अलावा, विभाग को निर्देश दिया गया है कि स्नान के लिए बनाए गए प्लेटफार्मों का संधारण, पुरुष और महिलाओं के लिए अलग-अलग शॉवर की व्यवस्था, अस्थाई शौचालयों के लिए जलापूर्ति, तथा हैंडपंपों के संधारण का कार्य भी समय पर पूरा किया जाए। 52 कुण्डों के जलस्तर को संतुलित करने और पानी की गुणवत्ता जांचने का कार्य भी इसी विभाग के तहत आएगा।
विद्युत व्यवस्था का दायित्व म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को सौंपा गया
म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को यात्रा मार्ग पर बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करनी होगी। इसके तहत प्रत्येक पड़ाव और उप-पड़ाव पर ट्रांसफार्मर, अस्थाई विद्युत कनेक्शन और प्रकाश व्यवस्था की जाएगी। श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए अंधेरे वाले इलाकों में प्रकाश की व्यवस्था, अस्थाई जनरेटर की उपलब्धता, तथा संपूर्ण मार्ग पर विद्युत सुरक्षा जांच के निर्देश दिए गए हैं।
सांची दूध संघ करेगा दूध और ठंडे पेयजल की व्यवस्था
यात्रा मार्ग पर प्रत्येक पड़ाव और उप-पड़ाव पर सांची दूध के आउटलेट स्थापित किए जाएंगे, जहां श्रद्धालुओं को दूध और दूध से बनी सामग्री आसानी से उपलब्ध होगी। इसके अलावा, ठंडे पेयजल के दो-दो टैंकर भी हर पड़ाव पर उपलब्ध कराए जाएंगे।
नगर पालिक निगम को स्वच्छता और सुरक्षा की जिम्मेदारी
नगर पालिक निगम को श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर, पटनी बाजार और शनि मंदिर सहित नगरीय सीमा के सभी महत्वपूर्ण मंदिरों और यात्रा मार्ग पर पेयजल, सफाई, टेंट, प्रकाश, बैरिकेडिंग, और शौचालयों की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी दी गई है।
यात्रा के दौरान प्रमुख स्थलों पर CCTV कैमरे लगाए जाएंगे, LED स्क्रीन के माध्यम से दर्शन की सुविधा दी जाएगी, तथा सफाईकर्मियों और कचरा वाहनों की उचित व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा, शनि मंदिर, रणजीत हनुमान, कालभैरव, मंगलनाथ, सिद्धनाथ मंदिर और अन्य धार्मिक स्थलों पर फायर ब्रिगेड, मच्छर उन्मूलन फॉगिंग और पेयजल व्यवस्था की जाएगी।
नगर निगम को यह भी निर्देश दिया गया है कि कालियादेह उप-पड़ाव स्थल पर स्थित 52 कुण्डों की सफाई और ब्लीचिंग करवाई जाए, तथा साफ पानी छोड़ा जाए। लालपुर, मठ और पटवारी प्रशिक्षण संस्थान में बने स्थायी शौचालयों का उपयोग करने के लिए संकेतक लगाए जाएंगे।
अधिकारियों को दिए गए स्पष्ट निर्देश
प्रशासन ने सभी संबंधित विभागों को 15 अप्रैल तक अपने सभी कार्यों को पूर्ण करने और इसकी लिखित रिपोर्ट जिला पंचायत उज्जैन में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। पंचक्रोशी यात्रा के दौरान लाखों श्रद्धालु इस मार्ग से गुजरेंगे, इसलिए किसी भी प्रकार की अव्यवस्था और असुविधा न हो, इसे सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है।
यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन मुस्तैद
पंचक्रोशी यात्रा उज्जैन का एक प्राचीन धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन है, जिसमें लाखों श्रद्धालु 117 किमी लंबी यात्रा पूरी करते हैं। इस बार प्रशासन इस यात्रा को पूरी तरह व्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। प्रमुख मार्गों पर संकेतक, सुरक्षा बैरिकेडिंग, पेयजल टैंकर, स्नान स्थल, शौचालय, विद्युत आपूर्ति और चिकित्सा सुविधा जैसी व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।