सिंहस्थ 2028 की तैयारी: उज्जैन संभाग के प्रमुख मंदिरों पर अब सुलभ दर्शन, पार्किंग और ट्रैफिक मैनेजमेंट का आधुनिक प्लान तैयार

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन… एक ऐसा पवित्र नगर, जो श्रद्धा, संस्कृति और सनातन आस्था का जीवंत प्रतीक है। और अब, तीन वर्षों के बाद उज्जैन एक बार फिर से सिंहस्थ 2028 जैसे विशालतम आध्यात्मिक महाकुंभ की मेज़बानी करने जा रहा है। लेकिन इस बार प्रशासन और पुलिस पहले से कहीं अधिक सतर्क, संगठित और भविष्यद्रष्टा दृष्टिकोण के साथ मैदान में उतरे हैं।
भीड़भाड़ नहीं, अब होगी सुव्यवस्था और सुलभता
बीते कुछ समय में उज्जैन संभाग के प्रमुख धार्मिक स्थलों—जैसे महाकालेश्वर, कालभैरव, गढ़कालिका, चिंतामन गणेश, चामुंडा माता (देवास), बगलामुखी मंदिर (नलखेड़ा), और पशुपतिनाथ मंदिर (मंदसौर)—पर श्रद्धालुओं की संख्या में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए उज्जैन पुलिस ने एक स्थायी, सुव्यवस्थित और दूरदर्शी योजना बनाई है, जिससे आम दिनों से लेकर सिंहस्थ जैसे पर्व तक, श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
तीन स्तंभों पर टिकी नई व्यवस्था: पार्किंग, सुलभ दर्शन, और ई-रिक्शा स्टैंड
1. मल्टी-लेवल पार्किंग की सुविधा
अब प्रमुख मंदिरों से लगभग 100 मीटर की दूरी पर तीन लेयर वाली मल्टीलेवल पार्किंग विकसित की जाएगी। यह योजना ना केवल पार्किंग की समस्या का समाधान करेगी, बल्कि आने वाले श्रद्धालुओं को गाड़ी खड़ी करने की चिंता से भी मुक्त करेगी।
2. ई-रिक्शा और ऑटो स्टैंड की व्यवस्थित व्यवस्था
ट्रैफिक की सहजता और अंतिम मील की यात्रा को सरल बनाने के लिए, ई-रिक्शा और ऑटो चालकों के लिए नियत स्थानों पर स्टैंड बनाए जाएंगे। इससे जहां ट्रैफिक मैनेजमेंट में सहूलियत होगी, वहीं लोकल ड्राइवरों को भी स्थायी और लाभकारी रोजगार मिलेगा।
3. सुलभ दर्शन प्रणाली
महज स्नान या यात्रा नहीं, सिंहस्थ में श्रद्धालु दर्शन के दिव्य अनुभव के लिए भी आते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए “सुलभ दर्शन” की व्यवस्था को विशेष महत्व दिया जा रहा है। भीड़ में फंसे बिना हर श्रद्धालु भगवान के दर्शन कर सके, यही इस योजना का प्रमुख उद्देश्य है।
जानकारी के लिए बता दें, यह कोई कागजी योजना नहीं है बल्कि एडीजीपी उमेश जोगा और डीआईजी नवनीत भसीन ने इस संकल्पना को व्यवहारिक रूप देने के लिए स्वयं ग्राउंड पर उतरकर कार्य किया। उमेश जोगा ने प्रयागराज कुंभ के अनुभवों से सीखकर, उज्जैन की परिस्थिति के अनुसार एक अनुकूल प्लान तैयार कराया। शनिवार और रविवार को ऑफिस के स्टाफ की ड्यूटी मंदिरों पर लगाकर, श्रद्धालुओं से फीडबैक लिया गया। उनकी समस्याओं, सुझावों और अनुभवों के आधार पर पूरा ढांचा खड़ा किया गया। महाकाल मंदिर से लेकर नलखेड़ा और मंदसौर तक—हर स्थान की भौगोलिक, भीड़ और यातायात स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह योजना तैयार की गई।
एडीजीपी उमेश जोगा ने कहा, “हमारा फोकस केवल सिंहस्थ नहीं है, बल्कि सामान्य दिनों में भी श्रद्धालुओं को सुलभ दर्शन, स्थायी पार्किंग और व्यवस्थित ट्रैफिक का अनुभव देना है। सिंहस्थ में श्रद्धालु सिर्फ स्नान ही नहीं, दर्शन भी करना चाहेंगे। इसी को ध्यान में रखते हुए इस आधुनिक व्यवस्था का प्रारूप तैयार किया गया है।”
वहीं, उज्जैन पुलिस का यह प्लान सिंहस्थ 2028 तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे 365 दिन लागू करने की मंशा है। इससे हर दिन लाखों श्रद्धालु बेहतर सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। यह न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि उज्जैन को देश के सबसे व्यवस्थित धार्मिक स्थलों की श्रेणी में शामिल करेगा।