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सिंहस्थ 2028 की तैयारियों में आई तेज़ी, शासन की उच्चस्तरीय समीक्षा और निर्माण कार्यों पर कलेक्टर की पैनी नज़र; कल अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा लेंगे बैठक!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
सिंहस्थ 2028 को लेकर उज्जैन में तैयारियों का दौर अब और भी तेज़ हो चला है। मध्यप्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश कुमार राजौरा की अध्यक्षता में 18 अप्रैल, शुक्रवार को प्रातः 10:30 बजे प्रशासनिक संकुल भवन के सभाकक्ष में एक महत्वपूर्ण संभागीय समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में पूरे संभाग में चल रहे विकास और सिंहस्थ से संबंधित कार्यों की गहन समीक्षा की जाएगी। इसके साथ ही दोपहर 2:30 बजे से नगर निगम और उज्जैन विकास प्राधिकरण के अंतर्गत संचालित सिंहस्थ परियोजनाओं की अलग से समीक्षा की जाएगी। यह जानकारी संयुक्त आयुक्त विकास के द्वारा दी गई।
इससे पहले हाल ही में उज्जैन कलेक्टर के रूप में पदभार संभालने वाले रौशन कुमार सिंह ने बुधवार को सिंहस्थ 2028 के विभिन्न निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण कर तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने सबसे पहले ग्राम जमालपुरा में जाकर कान्हा क्लोज डक्ट परियोजना के तहत निर्माणाधीन इन्टेक पॉइंट का अवलोकन किया। इस प्रोजेक्ट को जल संसाधन विभाग द्वारा सितंबर 2027 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। कलेक्टर ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि निर्धारित समय सीमा में कार्य पूर्ण हो, और किसी भी प्रकार की तकनीकी या प्रशासनिक समस्या हो तो तत्काल उन्हें सूचित किया जाए।
इसके पश्चात कलेक्टर सिंह ने राघौ पिपलिया स्थित क्लोज डक्ट स्थल का निरीक्षण किया, फिर इंदौर-उज्जैन 6 लेन मार्ग की स्थिति का जायजा लिया। विशेष रूप से त्रिवेणी ब्रिज के निर्माण कार्य की धीमी गति पर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने ठेकेदार और संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि निर्माण कार्य को युद्धस्तर पर पूरा किया जाए, ताकि सिंहस्थ 2028 तक यातायात सुविधाएं बाधित न हों।
इसके अतिरिक्त कलेक्टर ने शहर के केंद्र में स्थित चरक भवन के पास निर्माणाधीन “मेडिसिटी” प्रोजेक्ट का भी निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए ताकि यह चिकित्सा सुविधा समय पर आमजन के लिए उपलब्ध हो सके।
निरीक्षण के दौरान एडीएम प्रथम कौशिक, सीईओ जिला पंचायत जयति सिंह, एसडीएम उज्जैन, सीईओ जनपद पंचायत उज्जैन सहित जल संसाधन, नगर निगम और अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। यह संदेश स्पष्ट है कि शासन अब सिंहस्थ 2028 को लेकर पूरी गंभीरता से काम में जुट चुका है और निर्माण कार्यों की गुणवत्ता, समय-सीमा और जनहित को सर्वोपरि माना जा रहा है।