प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में रेल मंत्रालय को मिली बड़ी सौगात: दो मल्टी ट्रैकिंग परियोजनाओं को मिली कैबिनेट की मंजूरी, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के चार जिलों को मिलेगा सीधा लाभ; सांसद अनिल फिरोजिया ने जताया आभार!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में भारतीय रेल के लिए दो महत्वपूर्ण मल्टी ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य देश में यात्री और माल परिवहन को और अधिक तेज, निर्बाध, और ऊर्जा-कुशल बनाना है। परियोजनाओं में मध्यप्रदेश के रतलाम से नागदा के बीच तीसरी और चौथी लाइन तथा महाराष्ट्र के वर्धा से बल्हारशाह के बीच चौथी रेल लाइन शामिल है। इन दोनों परियोजनाओं की कुल लागत लगभग 3,399 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है और इन्हें वित्तीय वर्ष 2029-30 तक पूर्ण करने का लक्ष्य तय किया गया है।
उज्जैन-आलोट संसदीय क्षेत्र के सांसद अनिल फिरोजिया ने इस ऐतिहासिक निर्णय को प्रधानमंत्री मोदी के “पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान” की सफलता बताया है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी की दिशा में उठाया गया ठोस कदम है, जो एकीकृत योजना और समन्वित प्रयासों के जरिए साकार हो रहा है। इससे न सिर्फ यात्रियों को बेहतर रेल सुविधा मिलेगी बल्कि व्यापारिक वस्तुओं और सेवाओं का निर्बाध परिवहन भी सुनिश्चित होगा।
इन परियोजनाओं के माध्यम से मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के चार प्रमुख जिलों को जोड़ा जाएगा और भारतीय रेलवे का नेटवर्क लगभग 176 किलोमीटर तक विस्तारित होगा। यह विस्तार 784 गांवों तक संपर्क सुविधा बढ़ाएगा, जिनकी अनुमानित आबादी करीब 19.74 लाख है। परियोजना के अंतर्गत कोयला, सीमेंट, फ्लाई ऐश, कृषि उत्पादों, कंटेनर और पेट्रोलियम उत्पादों जैसे सामानों के तेज और सुरक्षित परिवहन के लिए मार्ग सुदृढ़ किया जाएगा। इससे 18.40 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) अतिरिक्त माल ढुलाई संभव होगी, जिससे उज्जैन जैसे औद्योगिक क्षेत्रों को जबरदस्त प्रोत्साहन मिलेगा।
फिरोजिया ने कहा कि यह परियोजना जलवायु संरक्षण और ऊर्जा कुशल परिवहन की दिशा में भी एक बड़ी पहल है। इसके माध्यम से देश की लॉजिस्टिक लागत में कटौती होगी, 20 करोड़ लीटर तेल आयात में कमी आएगी और 99 करोड़ किलोग्राम CO₂ उत्सर्जन में कमी होगी, जो पर्यावरण की दृष्टि से लगभग 4 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।
बता दें, परियोजना निर्माण के दौरान लगभग 74 लाख मानव दिवसों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे, जिससे स्थानीय जनसंख्या को आर्थिक लाभ मिलेगा और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की ओर एक और ठोस कदम बढ़ेगा। यह पहल लॉजिस्टिक दक्षता में भी उल्लेखनीय सुधार लाएगी, जिससे आपूर्ति श्रृंखला (Supply Chain) को बेहतर उपयोग में लाया जा सकेगा और देश के आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
बढ़ी हुई लाइन क्षमता से रेल परिचालन में गति, विश्वसनीयता और सेवा दक्षता में वृद्धि होगी। ट्रेनों के समय पर संचालन, भीड़-भाड़ में कमी और उच्च माल लदान क्षमता जैसी विशेषताएं इसे विशेष बनाती हैं। ये परियोजनाएं “नए भारत” के उस दृष्टिकोण का हिस्सा हैं, जिसमें क्षेत्रीय विकास, आत्मनिर्भरता और रोजगार/स्वरोजगार के अवसरों को बढ़ाने पर बल दिया गया है।
अंत में सांसद अनिल फिरोजिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह रेल परियोजना उज्जैन-आलोट संसदीय क्षेत्र और समग्र मध्यप्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने इस नई सौगात के लिए क्षेत्र की जनता को बधाई भी दी और इसे विकास की नई रफ्तार की शुरुआत बताया।