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उज्जैन जिले में बारिश का दौर जारी: 24 घंटे में औसतन 35.6 मिमी वर्षा, नागदा में सबसे अधिक 59.2 मिमी
उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन जिले में मानसून इस समय पूरी तरह सक्रिय है। लगातार हो रही बारिश से जनजीवन प्रभावित हो रहा है। बुधवार और गुरुवार को जिले के अधिकांश इलाकों में बारिश का दौर जारी रहा। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले 48 घंटे में भी तेज बारिश की संभावना बनी हुई है।
नागदा में सबसे ज्यादा, उज्जैन में सबसे कम बारिश
जिले में पिछले 24 घंटों के दौरान औसतन 35.6 मिमी वर्षा दर्ज की गई। इस दौरान नागदा तहसील में सर्वाधिक 59.2 मिमी बारिश दर्ज हुई। वहीं उज्जैन तहसील में सबसे कम 6 मिमी वर्षा हुई। इसके अलावा घट्टिया तहसील में 28 मिमी, खाचरौद में 39 मिमी, बड़नगर में 50 मिमी, महिदपुर में 36 मिमी, झार्डा में 18 मिमी, तराना में 38.2 मिमी और माकड़ौन तहसील में 46 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
अब तक की वर्षा स्थिति
इस मानसून सत्र में अब तक जिले में 464.9 मिमी बारिश हो चुकी है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 499.9 मिमी वर्षा दर्ज की गई थी।
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तराना तहसील में सबसे अधिक 608.3 मिमी
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झार्डा तहसील में 540.4 मिमी
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खाचरौद तहसील में 572 मिमी
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नागदा तहसील में 516.5 मिमी
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बड़नगर तहसील में 444 मिमी
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महिदपुर तहसील में 420 मिमी
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उज्जैन तहसील में 490 मिमी
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घट्टिया तहसील में 316.5 मिमी
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माकड़ौन तहसील में सबसे कम 277 मिमी
पिछले साल की तुलना
गत वर्ष इसी अवधि में उज्जैन तहसील में 536 मिमी, घट्टिया में 398.2 मिमी, खाचरौद में 407 मिमी, नागदा में 611.5 मिमी, बड़नगर में 436 मिमी, महिदपुर में 463 मिमी, झार्डा में 565.2 मिमी, तराना में 559.1 मिमी और माकड़ौन तहसील में 523 मिमी वर्षा हुई थी। इस बार कई तहसीलों में वर्षा सामान्य से कम है, जबकि तराना और झार्डा में आंकड़े पिछले साल से बेहतर हैं।
जिले में जलस्तर और ग्रामीण स्थिति
लगातार हो रही बारिश से ग्रामीण इलाकों में खेतों में पानी भर गया है। फसलों के लिए यह बारिश फायदेमंद मानी जा रही है, लेकिन कई जगहों पर निचली बस्तियों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है। छोटे नदी-नाले भी उफान पर हैं और ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
आने वाले दिनों का पूर्वानुमान
मौसम विभाग के अनुसार, बैतूल और मंडला से गुजर रही मानसून ट्रफ और दो सक्रिय साइक्लोनिक सर्कुलेशन के चलते प्रदेश में बारिश का दौर जारी रहेगा। 22 और 23 अगस्त को भी जिले समेत आसपास के क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह सिस्टम दो से तीन दिन और सक्रिय रहा, तो जिले में मानसून का औसत कोटा आसानी से पूरा हो जाएगा और जलस्रोतों का स्तर भी तेजी से बढ़ेगा।