30 जून तक चलेगा राज्यव्यापी जल गंगा अभियान, निगरानी के लिए नोडल अधिकारी तय: ग्राम गोंदिया में जल गंगा अभियान के तहत प्राचीन बावड़ी की सफाई, आख्यालिंबा तालाब का जिर्णोद्धार शुरू

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 30 मार्च को “जल गंगा संवर्धन अभियान” की शुरुआत की, जो 30 जून तक चलेगा। इस अभियान का मकसद है – पानी को बचाना, भूजल स्तर को सुधारना और लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक बनाना। इस काम को बेहतर तरीके से और ज़मीनी स्तर तक पहुंचाने के लिए अलग-अलग अधिकारियों को अलग-अलग ज़िम्मेदारियाँ दी गई हैं।

ग्रामीण इलाकों में इस अभियान की जानकारी पहुँचाने, प्रचार-प्रसार करने, जरूरी कागजी कार्रवाई (दस्तावेजीकरण) और जल आपूर्ति की योजना बनाने के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के साथ समन्वय की ज़िम्मेदारी एसबीएम की जिला समन्वयक कविता उपाध्याय को दी गई है। “जलदूत”, यानी पानी बचाने के लिए गांवों में काम करने वाले लोगों की पहचान और उनका पंजीकरण करने का काम एनआरएलएम के जिला प्रबंधक अमित ब्रिजवानी को सौंपा गया है। सरकारी पोर्टल My Bharat पर जरूरी आंकड़े (डेटा) अपलोड करना, अधिकारियों को प्रशिक्षण देना और सभी विभागों में तालमेल बनाए रखने का जिम्मा मनरेगा के वरिष्ठ डाटा मैनेजर मुकेश मसानी को मिला है। इसके अलावा, अभियान से जुड़ी सूचनाएं इकट्ठा करने का कार्य ई-गवर्नेंस के वरिष्ठ प्रशिक्षक अंकित बिसेन करेंगे।

रेन वाटर हार्वेस्टिंग (बरसात के पानी को इकट्ठा करने) और सोलर रूफ टॉप (छतों पर सौर पैनल की निगरानी) की ज़िम्मेदारी अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी बृजेश पटेल को दी गई है। वे इस कार्य के नोडल अधिकारी होंगे। जिला पंचायत सीईओ जयति सिंह ने बताया कि इस अभियान के तहत पूरे जिले में नए जल संरचनाओं का निर्माण, पुराने कुएं, बावड़ियों की सफाई, और जल स्रोतों का संरक्षण किया जाएगा। इसका उद्देश्य है कि हम अपने गांवों में ज्यादा से ज्यादा पानी रोकें, पानी बर्बाद न हो, और आने वाले समय के लिए जल संकट से निपट सकें

वहीं, जल ही जीवन है, और इसे बचाना हम सभी की साझी ज़िम्मेदारी है। इसी संदेश को लेकर मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के संभाग समन्वयक शिव प्रसाद मालवीय ने बड़नगर के कपिलेश्वर महादेव मंदिर परिसर में एक ब्लॉक स्तरीय बैठक में लोगों को जल संरक्षण के लिए प्रेरित किया। बैठक के बाद, वहां मौजूद समाजसेवियों, छात्र-छात्राओं और कार्यकर्ताओं ने मिलकर चंबल नदी के किनारे करीब 60 मिनट तक श्रमदान किया। इस दौरान काई (जलकुंभी) हटाई गई और मंदिर परिसर की सफाई की गई, जो कि एक सराहनीय कार्य है। इस मौके पर जनपद पंचायत सदस्य नागेश्वर मारू, निम्बोदा सरपंच प्रतिनिधि दिलीप राजपुरोहित, दंगवाड़ा सरपंच उमराव सिंह गुर्जर, इंगोरिया मंडल आईटी सेल से संदीप उपाध्याय, रुपाहेड़ा से गोविंद सिंह पंवार, नवांकुर संस्था, प्रस्फुटन समिति, मेंटर्स, और मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व पाठ्यक्रम के छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन अर्जुन सिंह डोडिया ने किया और आभार प्रदर्शन शुभम जायसवाल ने किया।

बता दें, जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत उज्जैन जिले में श्रमदान कर पुराने तालाबों, नर्मदा के तटों की सफाई के अलावा जल संरक्षण के कार्य किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में आपको बता दें, गुरुवार को जिले में मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद, नवांकुर संस्था, देवी अवंतिका सामाजिक युवा कल्याण समिति और संकल्प समर्थ ऑर्गनाइजेशन ने मिलकर ग्राम गोंदिया में एक प्राचीन बावड़ी की सफाई की और सफाई के बाद पानी के निकास को रोक दिया गया। साथ ही, ग्रामवासियों से अनुरोध किया गया कि वे पूजन सामग्री और अन्य वस्तुएं बावड़ी में न डालें।

इसके अलावा, कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के आदेश पर महिदपुर तहसील के आख्यालिंबा ग्राम पंचायत के पास स्थित तालाब का पुनर्निर्माण कार्य जल निगम विभाग के सहयोग से आरंभ किया गया। तालाब का गहरीकरण किया गया और आसपास की सफाई का कार्य भी किया गया। इस मौके पर स्थानीय विधायक, जनपद पंचायत के सीईओ महिदपुर, जल निगम विभाग के अधिकारी और ग्रामीण मौजूद थे।

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