भोपाल हादसे के बाद जागा सिस्टम: उज्जैन आरटीओ हरकत में आया, शुरू किया स्कूल बसों का ‘अचानक’ सत्यापन अभियान!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

भोपाल में सोमवार को हुए दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। स्कूल बस के ब्रेक फेल होने से हुई दुर्घटना में एक डॉक्टर युवती की मौत और कई लोगों के घायल होने के बाद पूरे मध्यप्रदेश में स्कूल बसों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। हादसे के बाद अब उज्जैन आरटीओ और ट्रैफिक विभाग भी हरकत में आया है। मंगलवार को शहर में कई स्कूलों की बसों की सघन जांच शुरू की गई, लेकिन इससे पहले की स्थिति बेहद चौंकाने वाली है।

दरअसल, उज्जैन में आरटीओ की कार्यप्रणाली भी भोपाल से अलग नहीं है। पूरे साल में एक बार बसों की औपचारिक जांच कर इतिश्री कर ली जाती है, उसके बाद ये बसें अनियंत्रित रूप से सड़कों पर दौड़ती रहती हैं। फिटनेस की परवाह, ड्राइवर की ट्रेनिंग, बच्चों की सुरक्षा मानकों का पालन – जिम्मेदार विभाग आंख मूंदे बैठे रहते हैं, जब तक कि कोई बड़ा हादसा हो जाए।

भोपाल में बाणगंगा चौराहे पर जिस तरह से स्कूल बस के ब्रेक फेल हुए और युवती की मौके पर ही मौत हो गई, उसने आरटीओ और ट्रैफिक विभाग को नींद से जगाया है। उज्जैन में बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मंगलवार को आरटीओ और यातायात विभाग ने संयुक्त अभियान चलाया। चूंकि स्कूल फिलहाल बंद हैं, इसलिए अधिकारी खुद स्कूल परिसरों में पहुंचे और वहां खड़ी स्कूल बसों का मौके पर ही फिटनेस टेस्ट किया।

जांच के दौरान ड्राइवरों की मेडिकल जांच की गई, उनके ड्राइविंग लाइसेंस और फिटनेस सर्टिफिकेट की जांच की गई। साथ ही देखा गया कि क्या बसों में इमरजेंसी गेट, फर्स्ट एड बॉक्स, फायर सेफ्टी उपकरण और आपातकालीन बटन जैसी जरूरी चीजें मौजूद हैं या नहीं। चौंकाने वाली बात यह है कि जांच के पहले दिन ही एक बस का पीयूसी (प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र) नहीं मिला।

यातायात डीएसपी दिलीप परिहार ने बताया कि यह अभियान बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है। पहले दिन निर्मला कान्वेंट, ज्ञान सागर, पोद्दार स्कूल, क्रिस्ट ज्योति, ऑक्सफोर्ड और आईबीएस स्कूल की बसों की जांच की गई। अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान शहर के हर स्कूल में चलेगा और इसके बाद ग्रामीण इलाकों में संचालित स्कूल वाहनों की भी बारीकी से जांच की जाएगी।

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