महाकाल की नगरी होगी महाकालमय: श्रावण-भाद्रपद माह की राजसी सवारी आज, पालकी में विराजेंगे श्री चन्द्रमोलेश्वर; 70 से ज्यादा भजन मंडलियां करेंगी गुणगान!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण-भाद्रपद माह के दौरान निकलने वाली पारंपरिक सवारियों की श्रृंखला में आज सोमवार, 18 अगस्त 2025 को षटम सोमवार की प्रमुख राजसी सवारी निकाली जाएगी। इस अवसर पर नगर महाकालमय हो उठेगा और लाखों श्रद्धालु बाबा महाकाल के दिव्य दर्शन कर पुण्यलाभ अर्जित करेंगे।


मंदिर से नगर भ्रमण तक का पूरा क्रम

श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं अपर कलेक्टर प्रथम कौशिक ने जानकारी दी कि भाद्रपद माह की यह दूसरी और अंतिम सवारी होगी। सायं 4:00 बजे सभा मंडप में भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर का पूजन-अर्चन करने के बाद उन्हें रजत पालकी में विराजित कर नगर भ्रमण पर निकाला जाएगा।

मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल द्वारा पालकी में विराजित भगवान को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। इसके बाद सवारी कोट मोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षीबाजार चौराहा, कहारवाड़ी, हरसिद्धी पाल से होती हुई रामघाट पहुंचेगी, जहां मां क्षिप्रा के तट पर भगवान का पूजन-अर्चन और महाआरती होगी।

यात्रा आगे बढ़ते हुए रामानुजकोट, गणगौर दरवाजा, टंकी चौराहा, कंठाल, सतीमाता मंदिर, छत्री चौक और श्री गोपाल मंदिर पर पहुंचेगी। यहां सिंधिया स्टेट परंपरानुसार भगवान का पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद सवारी पटनी बाजार, गुदरी चौराहा, कोट मोहल्ला और महाकाल चौराहा होते हुए वापस श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर पहुंचेगी और सभा मंडप में विश्राम लेगी।


रथ और स्वरूपों की दिव्य झांकी

इस भव्य सवारी में विभिन्न स्वरूपों में भगवान महाकालेश्वर की झांकियां नगर भ्रमण करेंगी।

  • रजत पालकी – भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर

  • गजराज (हाथी) – भगवान श्री मनमहेश

  • गरुड़ रथ – श्री शिवतांडव

  • नंदी रथ – श्री उमा-महेश

  • डोल रथ – श्री होल्कर स्टेट मुखारविंद

  • षटम सवारी विशेष – श्री सप्तधान मुखारविंद


सवारी में अनुशासन की अपील

श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे सवारी मार्ग में सड़क पर भट्टी या तेल के कड़ाह न रखें और न ही वाहन गलियों में खड़े करें। प्रसाद, सिक्के, फल आदि सवारी के बीच में न फेंके और पालकी के निकट भीड़ न करें। दर्शनार्थियों से अनुरोध है कि वे सवारी की दिशा के विपरीत न चलें और अपनी जगह पर स्थिर रहकर भगवान के दर्शन करें।


सांस्कृतिक और धार्मिक रंग से सजेगी सवारी

चल समारोह में इस बार भी 70 से अधिक भजन मंडलियां शामिल होंगी जो प्रभु का गुणगान करते हुए नगर भ्रमण करेंगी। नगर के साधु-संत, पुजारी, गणमान्य नागरिक और विभिन्न बैंड दल भी सवारी के साथ चलेंगे।

इस राजसी सवारी में जनजातीय व लोक कलाकारों की विशेष प्रस्तुतियां भी होंगी।

  • अनूपपुर से ढुलिया जनजातीय गुदुमबाजा नृत्य

  • भुवनेश्वर से श्रृंगारी लोक नृत्य

  • हरदा से डंडा लोक नृत्य

  • बालाघाट से बैगा जनजातीय करमा नृत्य

ये दल संस्कृति विभाग भोपाल और जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी के सहयोग से शामिल होंगे।


आधुनिक तकनीक से होंगे दर्शन

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर समिति ने चलित रथ और एलईडी स्क्रीन की व्यवस्था की है। उज्जैन के विभिन्न प्रमुख स्थानों – जैसे फ्रीगंज, नानाखेड़ा और दत्त अखाड़ा – पर भी सवारी का लाइव प्रसारण दिखाया जाएगा ताकि हर श्रद्धालु बाबा महाकाल की झलक पा सके।


सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्थाएं

सवारी मार्ग पर एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, वन विभाग और विद्युत मंडल की गाड़ियां भी सुरक्षा व व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए मौजूद रहेंगी। यातायात पुलिस और नगर सेना के जवान पूरे रास्ते पर तैनात रहेंगे।


बाबा महाकाल की झलक पाने उमड़ेगा सैलाब

हर बार की तरह इस बार भी राजसी सवारी में भक्तों का अथाह सैलाब उमड़ने की संभावना है। जैसे ही भगवान पालकी से नगर भ्रमण पर निकलेंगे, चारों ओर “हर-हर महादेव” और “जय श्री महाकाल” की गूंज सुनाई देगी।

Leave a Comment