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कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा से भगवान महाकाल की दिनचर्या में होगा परिवर्तन, भगवान की तीन आरतियों का बदला जाएगा समय
उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में 16 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है। इसके पश्चात, 18 अक्टूबर 2024, शुक्रवार को कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा से फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा तक भगवान महाकाल की तीन आरतियों में परिवर्तन किया जाएगा।
प्रात: होने वाली आरती का समय 7:30 से 8:15 बजे, भोग आरती का समय 10:30 से 11:15 बजे और संध्या आरती का समय 6:30 से 7:15 बजे निर्धारित किया गया है। इसके अतिरिक्त, भस्मार्ती प्रात: 4 से 6 बजे तक और शयन आरती रात्रि 10:30 से 11 बजे तक अपने पूर्व निर्धारित समय पर आयोजित की जाएगी।
दरअसल, श्री महाकालेश्वर मंदिर में हर वर्ष भगवान महाकाल की दिनचर्या में दो बार परिवर्तन होता है। कार्तिक माह में सर्दी के आगमन और फाल्गुन मास में गर्मी के प्रारंभ के समय, मंदिर में बाबा महाकाल की आरतियों का समय परिवर्तित किया जाता है। इसके साथ ही, भगवान को स्नान कराने की विधि भी बदल जाती है। उल्लेखनीय है कि रूप चौदस के अवसर पर भगवान को गर्म जल से स्नान कराया जाता है।
वहीं, 31 अक्टूबर को दीपावली के दिन, प्रात: 07:30 बजे आरती के समय, भगवान महाकाल को अन्नकूट का भोग श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा अर्पित किया जाएगा।