मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा का स्थापना दिवस आज, मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दी बधाई…

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आज 21 जनवरी को मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा अपने स्थापना दिवस का उत्सव मना रहे हैं! यह दिन खास है, क्योंकि इन तीनों राज्यों को 21 जनवरी 1972 को भारत के पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था। इन राज्यों के लोग अपनी जीवंत संस्कृति, समृद्ध इतिहास और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस खास मौके पर मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा के लोगों को बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा, “त्रिपुरा, माँ त्रिपुरसुंदरी जी की कृपा से अद्वितीय प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है, जबकि मणिपुर अपनी अनूठी कला और समृद्ध संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। मेघालय, त्रिपुरा और मणिपुर का प्राकृतिक सौंदर्य भी अत्यंत आकर्षक है।”

डॉ. यादव ने आगे कहा, “आशा है कि ये राज्य नए आयामों को छुएं और प्रगति की राह पर आगे बढ़ते हुए नागरिकों के जीवन में खुशहाली लाएं। बाबा महाकाल से यही मंगलकामना है।”

पूर्वोत्तर क्षेत्र: “सात बहनें” का हिस्सा

पूर्वोत्तर भारत में कुल सात राज्य हैं, जिन्हें “सात बहनें” के नाम से जाना जाता है—असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, त्रिपुरा और मिजोरम। यह क्षेत्र प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है, यहां की पहाड़ियाँ, घने जंगल और दुर्लभ वनस्पतियाँ देश और दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करती हैं।

इतिहास की झलक

स्वतंत्रता के समय इन राज्यों की संरचना अलग थी। असम प्रांत, मणिपुर और त्रिपुरा की रियासतों को 1949 में भारत में मिला दिया गया। मणिपुर और त्रिपुरा को पहले केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिला। 1963 में नागालैंड को राज्य का दर्जा दिया गया, और फिर 1972 में पूर्वोत्तर पुनर्गठन अधिनियम के तहत मणिपुर और त्रिपुरा को पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ।

अब ये राज्य न सिर्फ अपनी सांस्कृतिक विरासत को संजोते हैं, बल्कि समग्र विकास की दिशा में भी लगातार अग्रसर हैं। इनकी प्रगति और समृद्धि से पूरे देश को प्रेरणा मिलती है।

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