भारत के लिए चुनौती नहीं, अवसर है ट्रम्प का टैरिफ: उज्जैन में ‘उद्यमी संवाद’ में कश्मीरी लाल का स्पष्ट संदेश, बोले – “टैरिफ से डर नहीं, इससे मिल सकता है नया रास्ता”

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन में दशहरा मैदान स्थित एक होटल के भव्य सभागार में जब ‘एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज, मध्य प्रदेश’ और ‘स्वदेशी जागरण मंच’ के संयुक्त तत्वावधान में ‘उद्यमी संवाद’ का आयोजन हुआ, तो मंच पर मौजूद हर वक्ता के शब्दों में आत्मनिर्भर भारत की हुंकार सुनाई दी। लेकिन जब स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संगठन मंत्री कश्मीरी लाल ने माइक संभाला, तो पूरा वातावरण एक प्रेरणात्मक चेतना से भर गया। उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारत पर लगाए गए 26% रेसिप्रोकल टैरिफ को न केवल चुनौती बताया, बल्कि उसे भारत के लिए एक स्वर्णिम अवसर के रूप में प्रस्तुत किया।
“टैरिफ से डर नहीं, इससे मिल सकता है नया रास्ता”
कश्मीरी लाल ने उपस्थित उद्यमियों से मुखातिब होते हुए कहा—“यदि भारत के लघु और मध्यम उद्योग एकजुट हो जाएं, तो यह टैरिफ हमारे लिए संकट नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता का द्वार बन जाएगा। हम अमेरिकी निर्भरता से बाहर आ सकते हैं, और अपने उत्पादों को वैश्विक बाजार में और अधिक मजबूत बना सकते हैं।” उन्होंने ट्रम्प के इस टैरिफ निर्णय को स्वदेशी आंदोलन को गति देने वाला कदम बताया। कश्मीरी लाल ने कहा कि अब समय आ गया है जब हमें न केवल विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करना होगा, बल्कि अपने स्वयं के उत्पादों पर गर्व कर उन्हें देश और विदेश में पहचान दिलानी होगी।
“अब वक्फ नहीं छीन सकेगा उद्योगों की जमीन”
कार्यक्रम में उन्होंने उद्योग जगत से जुड़े एक और महत्वपूर्ण मुद्दे पर बात की—वक्फ बोर्ड द्वारा इंडस्ट्री की जमीन पर किए जाने वाले दावों को लेकर। उन्होंने कहा,
“पहले वक्फ हमारी इंडस्ट्री की जमीन को अपनी बता देता था, जिससे हमें अपने काम छोड़ने पड़ते थे। लेकिन अब नए कानूनों के बाद ऐसा नहीं होगा।” यह घोषणा न केवल उद्योगपतियों के लिए राहत की खबर थी, बल्कि यह संकेत भी था कि सरकार और संगठन मिलकर उद्योग जगत की सुरक्षा के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।
AIMP के इंदौर अध्यक्ष योगेश मेहता ने कार्यक्रम में बताया कि चीन से आने वाली वस्तुओं पर पहले ही 8% अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया है, जिससे भारत के घरेलू उत्पादों को प्रतिस्पर्धा में बढ़त मिलेगी। उन्होंने कहा, “अगर देश अमेरिका और चीन की वस्तुओं का बहिष्कार कर स्वदेशी को अपनाए, तो हमारा उद्योग जगत नई ऊंचाइयों तक पहुंचेगा। भारत की दवाइयां, टेक्सटाइल और मशीनरी जैसे क्षेत्र वैश्विक बाजार में अहम स्थान हासिल कर सकते हैं।”
बता दें, कार्यक्रम में उपस्थित उज्जैन AIMP अध्यक्ष उमेश सेंगर, सचिव आशीष दोषी और अन्य उद्योगपतियों ने इस विचार का समर्थन किया कि यदि छोटे-बड़े सभी उद्योग मिलकर एकजुटता से काम करें, तो न तो टैरिफ से डरने की जरूरत है, न विदेशी दबाव से घबराने की।
क्या है ट्रम्प का ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’?
रेसिप्रोकल टैरिफ यानी जैसे को तैसा कर नीति। यह दरअसल उस टैक्स का नाम है जो कोई देश, दूसरे देश से आयात होने वाले सामान पर लगाता है। डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि अगर कोई देश अमेरिकी उत्पादों पर ज्यादा टैक्स लगाता है, तो अमेरिका भी उस देश से आने वाले उत्पादों पर उतना ही या ज्यादा टैक्स लगाएगा। इसी नीति के तहत उन्होंने भारत सहित 100 देशों पर 26% तक टैरिफ बढ़ाने की घोषणा की है। इससे वैश्विक व्यापारिक हलकों में एक तरह की उथल-पुथल मच गई है।