शिवमय हुआ उज्जैन: महाकाल की नगरी में शिवनवरात्रि महोत्सव का दिव्य शुभारंभ, 10 दिनों तक गूंजेगा हर-हर महादेव का उद्घोष; भगवान महाकाल दूल्हा स्वरूप में देंगे भक्तों को दिव्य दर्शन

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
शिव भक्ति की अनूठी लहर के साथ श्री महाकालेश्वर मंदिर में शिवनवरात्रि महोत्सव का शुभारंभ हो चुका है। इस वर्ष तिथि वृद्धि के चलते यह दिव्य उत्सव 17 से 26 फरवरी तक पूरे 10 दिनों तक मनाया जाएगा। यह अद्भुत संयोग श्रद्धालुओं के लिए महादेव की कृपा से परिपूर्ण है।
हर वर्ष की भांति, उत्सव का शुभारंभ कोटितीर्थ कुंड के प्रधान देवता भगवान कोटेश्वर महादेव के विधिवत पूजन-अभिषेक से हुआ। सोमवार प्रातः पंडित घनश्याम शर्मा के नेतृत्व में 11 विद्वान ब्राह्मणों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ अभिषेक किया। मान्यता है कि ब्रह्मांड के समस्त जल तीर्थों का पवित्र जल कोटितीर्थ कुंड में समाहित है और यही जल श्री महाकाल का नित्य जलाभिषेक करता है।
पूरे दिन चलने वाले धार्मिक आयोजनों में दोपहर भोग आरती, संध्या पूजन एवं विशेष श्रृंगार संपन्न होगा। शिवनवरात्रि के प्रथम दिन भगवान महाकाल का चंदन से विशेष श्रृंगार किया गया, जिससे भक्तों को महादेव के दिव्य स्वरूप के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होगा।
बता दें, शिवनवरात्रि के प्रथम दिन से ही भगवान महाकाल विशेष स्वरूप में भक्तों को दर्शन देते हैं। प्राचीन परंपरा के अनुसार, भगवान महाकाल दूल्हा स्वरूप धारण करते हैं, जिसे देखने के लिए भक्तों का जनसैलाब उमड़ता है। इस पावन अवसर पर मंदिर समिति की महिला कर्मचारियों ने ढोल-नगाड़ों की थाप पर मंगल गीत गाए और भक्तिमय नृत्य किया, जिससे पूरा वातावरण शिवमय हो उठा।
जानकारी के लिए बता दें, महाशिवरात्रि से पूर्व शिव नवरात्रि महोत्सव में नौ दिनों तक भगवान महाकाल और कोटेश्वर महादेव का विशेष पूजन-अभिषेक संपन्न होगा। यह पावन अवसर श्रद्धालुओं के लिए शिव कृपा की अनुभूति कराने वाला होगा।
सुबह 8 से 9 बजे तक कोटितीर्थ कुंड पर स्थित श्री कोटेश्वर महादेव का पारंपरिक शिव पंचमी पूजन-अभिषेक किया जाएगा। इसके तुरंत बाद भगवान महाकालेश्वर का विशेष पूजन और रुद्राभिषेक प्रारंभ होगा। पूरे नवरात्रि काल में 11 विद्वान ब्राह्मण वैदिक मंत्रोच्चार के साथ एकादशनी रुद्राभिषेक पाठ करेंगे, जिससे संपूर्ण मंदिर परिसर शिवमय हो उठेगा।
सांध्य पूजन के उपरांत दोपहर 3 बजे भगवान महाकाल का दिव्य श्रृंगार किया जाएगा। भगवान को नवीन वस्त्र, आभूषण और राजसी अलंकरण से विभूषित किया जाएगा। पहले दिन, सोमवार को महाकाल को पारंपरिक कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुंडमाला और छत्र से सुसज्जित किया जाएगा, साथ ही हल्दी-चंदन का विशेष उपटन लगाया जाएगा। इस अनुष्ठान का क्रम 25 फरवरी तक प्रतिदिन अनवरत जारी रहेगा, जिससे श्रद्धालु शिव महिमा के दिव्य दर्शन का सौभाग्य प्राप्त करेंगे।
शिव नवरात्रि के इन नौ दिनों में उज्जैन की धार्मिक आभा अद्वितीय होगी। मंदिर प्रांगण शिव भक्ति के स्वरों से गूंज उठेगा, और हर भक्त अपने आराध्य महाकाल की आराधना में लीन नजर आएगा। “हर हर महादेव!” के जयघोष से सम्पूर्ण वातावरण शिवमय हो उठेगा।