उज्जैन: बिछड़ोद गांव की बेटियों से दरिंदगी, आरोपियों का गांव में निकाला गया जुलूस – लोगों में उबाल, न्याय की मांग तेज

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन जिले से 35 किलोमीटर दूर स्थित बिछड़ोद गांव में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। गांव की नाबालिग बच्चियों और युवतियों को पहले सोशल मीडिया और चैटिंग के जरिए अपने जाल में फंसाया गया, फिर प्यार और दोस्ती का झांसा देकर अश्लील वीडियो और फोटो बनाए गए और इन्हीं वीडियो के दम पर उन्हें ब्लैकमेल कर दुष्कर्म किया गया। यह मामला तब सामने आया जब एक नाबालिग लड़की का आपत्तिजनक वीडियो गांव में वायरल हुआ। इस वीडियो ने पूरे गांव में सनसनी फैला दी। ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। दो आरोपियों – जुबेर और फरमान को ग्रामीणों ने पकड़कर खुद पुलिस के हवाले किया। पुलिस की जांच में जब आरोपियों के मोबाइल फोन खंगाले गए, तो उसमें कई अन्य लड़कियों की अश्लील सामग्री भी पाई गई।
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी विशेष रूप से हिंदू लड़कियों को टारगेट करते थे। पहले दोस्ती करते, फिर भावनात्मक रूप से फांसते और बाद में गुप्त रूप से वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करते थे। उनके मोबाइल से अश्लील चैट्स, वीडियो और फोटो की भरमार मिली।
इस घिनौने कांड के बाद गांव में भारी आक्रोश फैल गया। ग्रामीणों ने आरोपियों के घरों में तोड़फोड़, पथराव और आगजनी की। गांव में तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया। फरमान नामक आरोपी पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश कर रहा था, जिस पर पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए उसके पैर में गोली मारी। उसे घायल अवस्था में उज्जैन के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस ने इस मामले में फरमान पिंजरा, जुबेर मंसूरी, इकरार, उजेर पठान, राजा और एक नाबालिग आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। अब तक चार पीड़िताओं ने सामने आकर शिकायत दर्ज कराई है और उनके बयान कोर्ट में दर्ज किए जा चुके हैं।
गुरुवार को ग्रामीणों की मांग पर पुलिस ने चार आरोपियों का गांव में जुलूस निकाला। जुलूस के दौरान गांव पूरी तरह बंद रहा। दुकानों के शटर गिरे रहे और ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला। हिंदूवादी संगठनों ने भी इस बंद को समर्थन दिया। संगठन की महिला नेता नीलू चौहान ने प्रशासन से मांग की कि सभी आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले और बिछड़ोद जैसी घटनाएं दोबारा न हों।
गांव में अब हालात नियंत्रण में हैं, लेकिन ग्रामीणों का आक्रोश अभी भी शांत नहीं हुआ है। लोग एक सुर में कह रहे हैं – “बेटियों से दरिंदगी करने वालों को सार्वजनिक फांसी मिले।”
पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने कहा है कि आने वाले एक सप्ताह तक गांव में लड़कियों के लिए जागरूकता शिविर चलाए जाएंगे ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और ऐसे मामलों में खुलकर सामने आएं। प्रशासन का कहना है कि मामले की जांच तेजी से चल रही है और आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी।