उज्जैन में कांग्रेस संगठन में बवाल: विधायक महेश परमार के जिला अध्यक्ष बनने पर 50 से अधिक कार्यकर्ताओं को अनुशासन समिति ने जारी किया नोटिस, 15 दिन में जवाब देने का आदेश!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

कांग्रेस संगठन सृजन के तहत उज्जैन जिले के लिए विधायक महेश परमार को नया जिला अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के बाद पार्टी के भीतर विरोध की आवाज तेज हो गई है। इस विवाद ने सोशल मीडिया से लेकर सार्वजनिक मंच तक उबाल ला दिया है। अब प्रदेश कांग्रेस की अनुशासन समिति ने इस मामले में सख्त कदम उठाते हुए 50 से अधिक कांग्रेस कार्यकर्ताओं को नोटिस जारी किया है, जिनसे 15 दिन के भीतर जवाब मांगा गया है। जवाब न देने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

किसान न्याय यात्रा में विरोध की शुरुआत

12 सितंबर 2025 को उज्जैन में आयोजित किसान न्याय यात्रा के दौरान इस विरोध का पहला बड़ा प्रदर्शन सामने आया था। उस दिन कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अलग मंच बनाकर नारेबाजी की, विरोध प्रदर्शन किया और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर तीखे आरोप लगाए। विरोध के स्वर इतने जोरदार थे कि कुछ कार्यकर्ताओं ने प्रदेश प्रभारी और अध्यक्ष के पुतले दहन भी किए और सोशल मीडिया व समाचार चैनलों में पार्टी विरोधी बयान दिए।

अनुशासन समिति की कार्रवाई

प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह ने इस मामले में स्पष्ट रुख अपनाते हुए सभी विरोध प्रदर्शन करने वाले कार्यकर्ताओं को व्यक्तिगत रूप से नोटिस भेजा है। नोटिस में आरोप लगाया गया है कि “किसान न्याय यात्रा के दौरान समानांतर मंच बनाकर नारेबाजी, पुतला दहन और पार्टी विरोधी बयान देकर संगठन की एकता को ठेस पहुंचाई गई है।”

डॉ. सिंह ने कहा कि यह आचरण “घोर अनुशासनहीनता” के अंतर्गत आता है और अगर किसी कार्यकर्ता को संगठन के निर्णय पर आपत्ति थी तो उसे उचित प्रक्रिया अपनाते हुए अनुशासन समिति के सामने शिकायत करनी चाहिए थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि समानांतर गतिविधियां संगठन के लिए गंभीर खतरा हैं।

15 दिन में जवाब अनिवार्य

नोटिस में सभी कार्यकर्ताओं को 15 दिनों के भीतर लिखित स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। नोटिस में चेतावनी दी गई है कि निर्धारित समय में संतोषजनक जवाब न मिलने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी, जिसमें सदस्यता समाप्ति जैसे कदम भी शामिल हो सकते हैं।

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