उज्जैन की गर्मी ने तोड़े सारे रिकॉर्ड: इंसान ही नहीं, भगवान भी बेहाल! स्कूलों का टाइम बदला, मंदिरों में लगी पंखे की कतार

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन में अप्रैल की शुरुआत के साथ ही गर्मी ने ऐसा विकराल रूप धारण कर लिया है कि आम जनजीवन पूरी तरह चरमरा गया है। सोमवार को शहर का तापमान 42 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया — ये इस सीजन का सबसे गर्म दिन रहा, जिसने सिर्फ सड़कों को नहीं झुलसाया, बल्कि बच्चों, बुजुर्गों और यहां तक कि भगवान श्रीकृष्ण तक को गर्मी से राहत देने की नौबत आ गई।
सूरज की तपिश इतनी तेज हो चुकी है कि लोग दिन के समय घरों से निकलने से कतराने लगे हैं। आसमान से बरसती आग ने हर किसी की सांसें उखाड़ दी हैं। हालात इतने चिंताजनक हो गए कि जिला प्रशासन को फौरन इमरजेंसी एक्शन लेना पड़ा।
कलेक्टर ने बच्चों की सेहत को सर्वोपरि मानते हुए बड़ा फैसला लिया है। उज्जैन जिले के सभी सरकारी, गैर-सरकारी, CBSE, ICSE, माध्यमिक शिक्षा मंडल व अन्य सभी बोर्ड से संबद्ध स्कूलों के समय में तत्काल परिवर्तन कर दिया गया है। अब नर्सरी से लेकर 12वीं तक की सभी कक्षाएं सुबह 7:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक संचालित होंगी — ताकि दोपहर की जानलेवा गर्मी से मासूम बच्चों को सुरक्षित रखा जा सके।
लेकिन इस गर्मी का असर सिर्फ स्कूलों तक सीमित नहीं रहा… गर्मी से बेहाल हुए भगवान श्रीकृष्ण भी!
उज्जैन के प्रसिद्ध गुरु सांदीपनि आश्रम में भीषण गर्मी को देखते हुए भगवान श्रीकृष्ण, बलराम और सुदामा को भी विशेष गर्मी सुरक्षा व्यवस्था दी जा रही है। उन्हें चंदन का लेप, दही-छाछ का भोग, और ठंडे फलों से प्रसन्न किया जा रहा है। मंदिर में विशेष पंखों की व्यवस्था कर उन्हें सतत ठंडी हवा दी जा रही है, ताकि भगवान पर गर्मी की तपिश असर न करे। मंदिर पुजारियों ने कहा, “जब इंसान गर्मी से बेहाल हो सकता है तो भगवान को भी ठंडक की ज़रूरत होती है। हम उन्हें हल्के वस्त्र पहनाते हैं, ठंडी चीज़ों का भोग लगाते हैं और दिन में दो बार विशेष सेवा करते हैं।”
प्रदेश के टॉप गर्म शहरों में उज्जैन शामिल!
सोमवार को नर्मदापुरम 44.3°C के साथ सबसे गर्म शहर रहा, इसके बाद रतलाम 44°C, खजुराहो और उज्जैन 42°C, और फिर इंदौर 40.6°C पर रहा। रात में भी न्यूनतम तापमान 21°C दर्ज किया गया, जो अप्रैल की शुरुआत में ही असामान्य गर्मी का संकेत है।