विक्रम विश्वविद्यालय का ऐतिहासिक दीक्षांत समारोह: 18 वर्षों बाद फिर से मिलेगा मानद उपाधि सम्मान, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और कमलेश डी. पटेल को मिलेगा मानद उपाधि सम्मान; गुड़ी पड़वा पर होगा विशेष आयोजन

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन स्थित प्रतिष्ठित विक्रम विश्वविद्यालय इस वर्ष गुड़ी पड़वा के शुभ अवसर पर अपना 29वां दीक्षांत समारोह आयोजित करने जा रहा है। यह समारोह कई मायनों में ऐतिहासिक होगा, क्योंकि विश्वविद्यालय 18 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद एक बार फिर मानद उपाधि प्रदान करने जा रहा है। इस बार यह प्रतिष्ठित उपाधि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और गुजरात के पद्म भूषण से सम्मानित कमलेश डी. पटेल को दी जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को मानद उपाधि
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को यह सम्मान समाज के वंचित वर्ग के उत्थान और समाज सेवा में उनके असाधारण योगदान के लिए दिया जा रहा है। उनके नेतृत्व में शिक्षा, संस्कृति और समाज कल्याण के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य हुए हैं, जिसके चलते विक्रम विश्वविद्यालय ने उन्हें मानद उपाधि प्रदान करने का निर्णय लिया।
कमलेश डी. पटेल को डी.लिट की मानद उपाधि
विश्वविख्यात हार्टफुलनेस मेडिटेशन के संस्थापक कमलेश डी. पटेल को भी इस अवसर पर डी.लिट (डॉक्टर ऑफ लिटरेचर) की मानद उपाधि से सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की भावना को वैश्विक स्तर पर प्रचारित किया और ध्यान तथा आध्यात्मिकता के माध्यम से मानवता के उत्थान में योगदान दिया है।
इस महत्वपूर्ण निर्णय को पहले विद्या परिषद की बैठक और फिर मंगलवार को कार्यपरिषद की बैठक में औपचारिक रूप से स्वीकृति दी गई। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कार्यपरिषद सदस्य राजेश सिंह कुशवाह, वरुण गुप्ता, डॉ. मंजूषा मिमरोट, कुसुमलता निगवाल, डॉ. संजय वर्मा, रूपचंद्र पमनानी, डॉ. एस.के. मिश्रा, डॉ. उमेश कुमार सिंह, डॉ. दीपक गुप्ता और डॉ. गीता नायक उपस्थित रहे। बैठक के अंत में कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार शर्मा ने आभार व्यक्त किया।
अब तक किन हस्तियों को मिल चुकी है मानद उपाधि?
विक्रम विश्वविद्यालय ने अब तक कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों को मानद उपाधि से सम्मानित किया है। इनमें शामिल हैं—
- महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि (जूना अखाड़े के पीठाधीश्वर)
- लेफ्टिनेंट कर्नल राजवर्धन सिंह राठौर
- पूर्व न्यायाधीश रमेशचंद्र लहोटी
- वैज्ञानिक सोमयाजी दीक्षित
- इफको के प्रबंध निदेशक उदयशंकर अवस्थी
- वरिष्ठ पत्रकार आलोक मेहता
- पद्मभूषण डॉ. अनिल कोहली
क्या होती है मानद उपाधि?
मानद उपाधि (Honorary Degree) विश्वविद्यालयों द्वारा उन व्यक्तियों को दी जाती है, जिन्होंने अपने क्षेत्र में असाधारण योगदान दिया हो या समाज में उत्कृष्ट कार्य किए हों। यह सम्मान अकादमिक उपाधि की तरह नहीं होता, बल्कि यह किसी व्यक्ति की समाज के प्रति सेवा, शोध, नवाचार या सांस्कृतिक योगदान को पहचानने और सराहने का एक तरीका होता है। इस उपाधि को प्रदान करने के लिए पहले विशेष समिति नाम तय करती है, जिसके बाद इसे विद्या परिषद और कार्यपरिषद से स्वीकृति मिलती है।
गुड़ी पड़वा पर ऐतिहासिक समारोह
इस वर्ष विक्रम विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह कई मायनों में विशेष रहेगा, क्योंकि यह विश्वविद्यालय 18 वर्षों बाद मानद उपाधि प्रदान करने जा रहा है। गुड़ी पड़वा के शुभ अवसर पर आयोजित यह समारोह शिक्षा, समाज सेवा और आध्यात्मिकता से जुड़े व्यक्तियों को सम्मानित करने का एक अद्भुत अवसर होगा, जो निश्चित रूप से विश्वविद्यालय की गरिमा को और बढ़ाएगा।