हनुमानजी के बाल स्वरूप में दर्शन पाकर भक्त अभिभूत

हनुमान जयंती: मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु, धार्मिक अनुष्ठान जारी, गूंजा जय श्रीराम का उद्घोष

उज्जैन। हनुमान जयंती पर शुक्रवार को मंदिर भक्ति की खुशबू से महक उठे। अलसुबह से हनुमान मंदिरों में श्रद्धालु उमड़े। सुबह जन्म आरती की गई और भगवान का बाल स्वरूप में शृंगार किया गया है जिसके दर्शन पाकर भक्त धन्य हो गए।

मंदिरों में फूलों से सजाया गया। सुबह से मंदिरों में धार्मिक आयोजन का क्रम जारी है और विशेष प्रसादी का वितरण भी किया जा रहा है। शाम को गेर व चल समारोह भी निकलेंगे जिसमें झांकियां भी शामिल होंगी।

गेबी साहब, ढाबा रोड

ढाबारोड स्थित गेबी साहब मंदिर में भगवान की आकर्षक झांकी निर्मित की गई है। यहां मूर्ति के आसपास भगवान श्रीराम और लक्ष्मणजी को नांव में बैठाकर हनुमानजी नैया पार लगाते दर्शाये गये हैं। पौराणिक महत्व के इस मंदिर में सुबह से सैकड़ों भक्त भगवान के दर्शनों को पहुंचे। यहां भक्तों को साबूदाने की खीर प्रसाद के रूप में वितरित की गई। सुबह में मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ रही।

श्री बाल विजय मस्त हनुमान

महाकालेश्वर मंदिर स्थित श्री बाल विजय मस्त हनुमान मंदिर में हनुमान जयंती पर सुबह जन्म आरती की गई। यहां भगवान का जोधपुरी धोती, कुर्ता व पगड़ी से शृंगार किया गया। पुजारी पं. सुलभ शांतु गुरु द्वारा विशेष आरती व भोग लगाया गया।

दोषों को हरने वाले मारूति नंदन

महाकाल मंदिर में ही स्थित मारूति नंदन हनुमान मंदिर में भगवान का विशेष शृंगार करने के साथ 56 भोग लगाया। पुजारी राजेश शर्मा, मोहित गुरु ने बताया यह मंदिर अति प्राचीन होकर दक्षिणमुखी है। यहां सभी प्रकार के दोषों का निवारण होता है।

बलवीर हनुमान, नईपेठ

हनुमान जयंती का आयोजन किया गया। पुजारी प्रेमप्रकाश पारिख ने बताया कि 1978 में मंदिर का नवीन निर्माण हुआ था। दक्षिण मुखी हनुमानजी के दर्शनों से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

खड़े हनुमान, सराफा

सराफा स्थित खड़े हनुमान मंदिर में भगवान का बाल स्वरूप में विशेष शृंगार किया गया है। सुबह से विशेष आरती के साथ ही भक्तों के दर्शनों का सिलसिला शुरू हुआ जो अनवरत जारी है।

रणजीत हनुमान, गोंसा

दो हजार वर्ष पुराने इस मंदिर में हनुमान जयंती पर भगवान का विशेष शृंगार किया। पुजारी रमेशचंद मेहता ने बताया यहां कोर्ट केस अथवा किसी भी प्रकार के रण को जीतने के लिए मन्नत की जाती है।

चैत्र मास की पूर्णिमा पर जन्मे थे हनुमान

चैत्र मास की पूर्णिमा पर भगवान हनुमानजी का जन्म हुआ था। इसी तिथि पर हनुमान जयंती महोत्सव पूरे देश में मनाया जाता है। इस अवसर पर हनुमान मंदिरों में भगवान का आकर्षक शृंगार, पूजन, आरती, सुंदरकांड, अखंड रामायण, हनुमान चालीसा के साथ भजन कीर्तन के आयोजन होते हैं।

पूर्णिमा तिथि गुरूवार शाम 7.25 बजे शुरू होकर आज शाम 4.42 बजे तक है। इस दौरान भक्तों द्वारा भगवान की पूजा की जा रही है। गजकेसरी योग में हनुमान जयंती का विशेष योग होने पर भगवान को चोला चढ़ाने के साथ उनका बाल स्वरूप में शृंगार किया गया है।

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