मोबाइल बताएगा, आ गई कचरा गाड़ी; और भी बहुत कुछ है उज्जयिनी एप में

उज्जैन | स्मार्ट सिटी कंपनी ने पब्लिक सर्विस को स्मार्ट बनाने के लिए अपना स्मार्ट ऐप ‘उज्जैयिनी एप्प’ आम यूजर्स के लिए लांच कर दिया है। शुरुआत में उज्जैयिनी ऐप में कचरा प्रबंधन, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, महिला सुरक्षा को प्रमुखता से शामिल किया गया है। हालांकि नई लांचिंग और प्रचार-प्रसार की कमी के कारण अभी सिर्फ १०० यूजर्स ने ही इस ऐप को डाउनलोड किया है।

शहरवासियों को स्मार्ट सिटी में दैनिक जरूरत से जुड़ी विभिन्न सेवा-सुविधाएं अब एक मोबाइल ऐप से ही मुहैया हो सकेंगी। स्मार्ट सिटी के उज्जैयिनी एप्प में यह सुविधाएं मिलेंगी। कंपनी ने आम यूजर्स के लिए ऐप लांच कर दिया है, लेकिन इसके साथ ही इसे कुछ महीनों के लिए ट्रायल मोड पर भी रखा है। मसलन शहरवासी इसका उपयोग तो कर ही सकेंगे, कुछ समस्या या सुझाव होने पर ऐप के जरिए फीडबैक भी दे सकेंगे। जनता के फीडबैक के आधार पर इसे और बेहतर किया जाएगा। इसमें एक प्रमुख फीचर्स कचरा प्रबंधन से संबंधित है जिसमें यूजर्स को पहले से ही अपने कचरा वाहन के आने की जानकारी मिल जाएगी। विशेषज्ञों के अनुसार ऐसी सुविधा अब तक किसी शहर में शुरू नहीं हुई है। उज्जैयिनी ऐप अभी 11 MB का है, जो स्मार्ट या आइ-फोन में प्ले स्टोर के माध्यम से आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है

ऐप में अभी यह सुविधा

बस सर्विस- ऐप सिटी बस का फीचर्स है। इसमें बसों की लोकेशन, रूट आदि शामिल हैं। फिलहाल कम बस चलने के कारण यह फीचर्स खास उपयोगी नहीं लग रहा है, लेकिन भविष्य में बस स्टॉपेज बनने और सभी बसों के जीपीएस से जुडऩे के बाद यूजर्स मोबाइल पर ही सिटी बस संबंधित जानकारी ले सकेंगे।

इ-रिक्शा/सीएनजी ऑटो- पब्लिक ट्रांसपोर्ट सर्विस के अंतर्गत ही निजी इ-रिक्शा व सीएनजी ऑटो की सेवा को भी जोड़ा गया है। ऐप के जरिए यूजर्स को उसकी दो किलोमीटर की परिधि में उपलब्ध इ-रिक्शा/ऑटो की जानकारी मिल जाएगी और चालक के मोबाइल नंबर पर फोन कर उसे अपने स्थान पर बुला सकेगा। अभी ५१ इ-रिक्शा इसमें रजिस्टर्ड हुए हैं। शेष इ-रिक्शा व सीएनजी ऑटो भी रजिस्टर्ड होना है। जनता की मांग बढऩे पर रजिस्टे्रशन में भी स्वत: बढ़ोतरी होगी।

कचरा प्रबंधन- यह इस ऐप की सबसे आकर्षक सुविधा है। इसमें कचरा वाहन घर के ५०० मीटर के दायरे में पहुंचते ही मोबाइल पर अलार्म बजना शुरू हो जाएगा। इसके लिए यूजर्स को अपने घर के नजदीक स्थित डस्टबिन की लोकेशन फीड करना होगी। इसके बाद जब भी कचरा वाहन उस डस्टबिन के नजदीक पहुंचेगा, अलार्म शुरू हो जाएगा। इसके अलावा इस फीचर्स के जरिए यूजर्स शहर में कही भी हो, कचरा फेंकने के लिए नजदीक डस्टबिन कहां है, इसकी जानकारी ले सकेगा।

स्मार्ट साइकिल- ऐप में बाइक शेयरिंग योजना को भी शामिल किया है। इसमें किराये पर साइकिल लेने के लिए सुविधा उपलब्ध है। हालांकि अभी बाइक शेयरिंग योजना शुरू नहीं हुई है इसलिए फीचर्स भी फिलहाल उपयोगी नहीं हैं।

पिंक ऐप- महिला बाल विकास ने महिलाओं के लिए पिंक ऐप तैयार किया है। पिंक ऐप को उज्जैयिनी ऐप से लिंक किया है। इसके जरिए महिलाएं घर बैठे सेनेटरी नेपकिंग प्राप्त कर सकती हैं।

एसओएस- यह फीचर्स सुरक्षा व्यवस्था, विशेष रूप से महिला सुरक्षा को ध्यान में रख शामिल किया है। ऐप में एसओएस लिखे सर्किल को दबाते ही सुरक्षा के लिए एक मैसेज कमांड कंट्रोल सेंटर को पहुंच जाएगा। सेंटर के माध्यम से वह मैसेज उस व्यक्ति तक पहुंचेगा जिसका नंबर यूजर्स ने सहयोग के लिए पहले से ही रजिस्टर्ड करवा रखा है। इसमें सहयोगी के पास यूजर्स की लोकेशन भी पहुंच जाएगी। इस फीचर्स में पुलिस कंट्रोल रूम को भी जोड़ा जाना है, जिससे सूचना पुलिस तक भी पहुंचे और तत्काल सुरक्षा मिल सक

जुड़ सकेंगी अन्य विभाग की सुविधाएं

उज्जैयिनी ऐप अन्य विभागों की सुविधाओं के लिए प्लेटफॉर्म का कार्य करेगा। स्मार्ट सिटी अंतर्गत ही वन ऐप तैयार किया जाना है। इसमें उज्जैन की जानकारी, दार्शनिक स्थल, स्वास्थ्य सुविधा आदि शामिल रहेंगी। यह एप्प उज्जैयिनी एप्प का हिस्सा होगा। इसके अलावा यदि कोई विभाग अपनी सेवा या सुविधा के लिए ऐप तैयार करता है तो उस ऐप को भी उज्जैयिनी से लिंक किया जा सकेगा। ऐसा होने पर यूजर्स को विभिन्न सुविधाओं के लिए अलग-अलग ऐप डाउनलोड करने आवश्यकता नहीं होगी।

ऐप से जुड़ सकते हैं ऑटो-रिक्शा

सीएनजी ऑटो या इ-रिक्शा संचालक यदि इस ऐप से जुड़कर लाभ लेना चाहता है तो स्मार्ट फोन के जरिए वह घर बैठे रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। इसके लिए उन्हें इ-रिक्शा/सीएनएजी ऑटो ड्राइव यूएससीएल ऐप डाउनलोड करना होगा। इसमें वह अपना लाइसेंस, आधार कार्ड, मोबाइल नंबर आदि फीड करेंगे। पुलिस से वैरिफिकेशन के बाद वह इस सेवा से जुड सकेंगे। इसके बाद उन्हें मोबाइल के माध्यम से भी यात्री मिल सकेंगे।

प्रचार-प्रसार की जरूरत

विभिन्न सेवा व सुविधाओं को स्मार्ट बनाने के लिए स्मार्ट सिटी कंपनी ने स्मार्ट ऐप तो तैयार कर लिया है, लेकिन जनता तक इसकी जानकारी नहीं पहुंची है और नहीं इसका प्रचार-प्रसार शुरू हुआ है। कंपनी जनता तक ऐप की जानकारी पहुंचाने के लिए होर्र्डिंग्स, बेनर्स, पम्फ्लेट आदि का उपयोग करने का विचार कर रही है।

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