विधानसभा चुनाव को लेकर तेज होने लगी सियासी हलचल

उज्जैन। भारतीय जनता पार्टी द्वारा की गई रायशुमारी के बाद बंद लिफाफे भोपाल पहुंचाए जा चुके हैं। रायशुमारी में विधानसभा क्षेत्र के नेताओं द्वारा निर्धारित प्रोफार्म में किन तीन दावेदारों के नाम लिखे यह तो गोपनीय रहा। लेकिन अब अटकलें इस बात को लेकर लगाई जा रही हैं कि उज्जैन जिले की सात विधानसभा क्षेत्र में से कि न विधायकों को टिकट से वंचित रहना पड़ सकता है।

उज्जैन-उत्तर : इस क्षेत्र के विधायक पारस जैन प्रदेश शासन में ऊर्जा मंत्री हैं। वह १९९० से लेकर २०१३ के बीच पांच बार विधायक चुने गए। मात्र एक बार सन १९९८ में कांग्रेस प्रत्याशी से चुनाव हारे। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की वह पसंद है। ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि उन्हें फिर से पार्टी टिकट दे सकती है। वैसे इस विधानसभा क्षेत्र से नगर निगम अध्यक्ष सोनू गेहलोत भाजपा के पूर्व नगर अध्यक्ष अनिल जैन कालूहेड़ा, विजय अग्रवाल, प्रकाश शर्मा, सुरेंद्र सांखला आदि दावेदारी कर रहे हैं।

उज्जैन दक्षिण : वर्तमान समय में डॉ. मोहन यादव विधायक हैं । जो कि पूर्व में मप्र पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष, उज्जैन विकास प्राधिकरण अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इस विधानसभा क्षेत्र से टिकट पाने के लिए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राजपालसिंह सिसौदिया, भाजपा के पूर्व नगर अध्यक्ष इकबालसिंह गांधी सहित अन्य नेता दावेदारी कर रहे हैं। सिसौदिया जहां केंद्रीय मंत्री राजनाथसिंह से जुड़े हुए हैं वहीं गांधी को भी भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का आशीर्वाद प्राप्त है। अब पार्टी यहां से किसे मौका देती है इसको लेकर चर्चा चल रही है। जबकि पिछली बार पार्टी ने लगातार दो बार चुनाव जीते शिवनारायण जागीरदार के बजाय डॉ. मोहन यादव को चुनाव लडऩे का मौका दिया था।

नागदा-खाचरौद, तराना, महिदपुर, बडऩगर और घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में भी वर्तमान विधायकों के अलावा अन्य नेता दावेदारी कर रहे हैं। इनमें से नागदा खाचरौद में दिलीपसिंह शेखावत और तराना के विधायक अनिल फिरोजिया को फिर से टिकट दिए जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है जबकि बडऩगर और महिदपुर विधायक के बजाय अन्य किसी नेता को चुनाव लडऩे का मौका दिया जा सकता है। पिछली बार भी बडनगर में पार्टी ने दो बार विधायक चुने गए शांतिलाल धबाई के बजाय मुकेश पंड्या को मौका दिया था। महिदपुर के विधायक बहादुरसिंह चौहान ने अपने कार्यकाल में करोड़ों के विकास कार्य करवाए हैं लेकिन कुछ कारणों से वे विवादों में रहे हैं। हो सकता है पार्टी इसी वजह से अन्य किसी को यहां से मौका दे।

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