मामला गरीबी से तंग आकर आत्महत्या का, पिता के अंतिम संस्कार के लिए उज्जैन आया बेटा

पुलिस ने दिलाया भरोसा, मां को साथ ले जाएगा

उज्जैन। औरंगाबाद से उज्जैन दर्शन करने आये दंपत्ति ने महाकाल मंदिर के पास स्थित यादव धर्मशाला में दो दिनों पूर्व जहर खा लिया था जिसमें पति की मौत हो गई और पत्नी बच गई थी जिसने बताया था कि गरीबी से तंग आकर औरंगाबाद से ही आत्महत्या की योजना बनाकर आये थे।

पुत्र भी रुपये नहीं होने के कारण पिता का अंतिम संस्कार करने नहीं आ रहा था। पुलिस ने जब रुपयों की व्यवस्था का भरोसा दिलाया तो सुबह उनका पुत्र उज्जैन पहुंचा।

विनोद शर्मा निवासी औरंगाबाद अपनी पत्नी निशा के साथ उज्जैन आकर आत्महत्या करने का मन बनाकर यहां आये थे। दंपत्ति ने महाकाल मंदिर के पास स्थित यादव धर्मशाला में कमरा लिया और देवदर्शन किये। दूसरे दिन विनोद व निशा ने चाय में जहरीला पदार्थ मिलाकर पी लिया। उल्टियां होने के कारण निशा की जान तो बच गई लेकिन उसके पति विनोद शर्मा ने दम तोड़ दिया।

होटल मैनेजर की रिपोर्ट पर पुलिस ने शव को जिला चिकित्सालय पहुंचाया और निशा को उपचार के लिये भर्ती कराया। पुलिस ने मृतक विनोद के पुत्र गिरीश से फोन पर संपर्क किया तो उसने कहा था मेरे पास पिता के अंतिम संस्कार के रुपये नहीं हैं इसलिये मैं उज्जैन नहीं आ सकता।

इस पर पुलिस ने गिरीश को रुपयों की व्यवस्था करने का भरोसा दिलाया जिसके बाद सुबह विनोद जिला अस्पताल पहुंचा और अपनी मां से मुलाकात की व पिता के शव का अंतिम संस्कार करने को तैयार हुआ।

मैनेजर ने दिए दो हजार: यादव धर्मशाला के मैनेजर राजकुमार ने कहा मेरा वेतन 6000 रु. है लेकिन निशा शर्मा के परिवार की आर्थिक स्थिति पता चलने के बाद वेतन से 2 हजार रु. दिए।

दो छोटे बेटों से रिश्ता नहीं
गिरीश ने बताया कि उसके दो छोटे भाई चिंटू और सन्नी भी हैं लेकिन उनसे माता-पिता ने 12 वर्ष पहले ही रिश्ता खत्म कर लिया था। माता पिता गिरीश के पास ही रहते थे। गिरीश ने बताया कि वह स्वयं फेरी लगाकर कपड़े बेचता है।

गरीबी के चलते घर में गुजर बसर नहीं होती। स्वयं के दो बच्चे हैं। किराये तक के रुपये नहीं थे, इसलिये पिता के अंतिम संस्कार के लिये उज्जैन नहीं आ रहा था। हालांकि पुलिस के भरोसा दिलाने पर वह यहां पहुंचा।

उज्जैन में मुफ्त में अंतिम संस्कार होता है इसलिये यहां मरने का सोचा
पति के साथ जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास करने वाली निशा शर्मा से जब पूछा कि उज्जैन आकर आत्महत्या करने की योजना क्यों बनाई तो उसने बताया कि हमने सुना था कि उज्जैन में मुफ्त में अंतिम संस्कार होता है इसलिये उज्जैन आकर जहर खाया।

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