उज्जैन:आइसक्रीम की दुकान पर टाइम की पाबंदी, शराब दुकानों पर किसकी ‘बंदी ‘?

रात 10 बजे बाद परिवार के साथ खानपान की दुकान पर जाना मुश्किल, लेकिन शराबियों को हंगामें की छूट

उज्जैन। शहर में खानपान की दुकानों को बंद कराने के लिए पुलिस की सख्ती और शराब की दुकानों को अव्यवस्थाओं के बावजूद रियायत देने के मामले में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है।

दरअसल बीती रात पुलिस ने नानाखेड़ा क्षेत्र में एक आइसक्रीम पार्लर को डंडे के बल पर बंद तो करा दिया, लेकिन देर रात तक खुली रहने वाली शराब दुकानों के बाहर की अव्यवस्थाओं पर नजर तक नहीं डाली है। सोशल मीडिया पर पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठने लगे हैं।

सोशल मीडिया पर उज्जैन वाले गु्रप की एक पोस्ट इस मसले पर चर्चा का विषय बनी हुई है। इसमें 200 से ज्यादा लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। शहर में भले ही शराब दुकानें बंद करने का समय रात 11:30 बजे निर्धारित है, हालांकि तय समय पर बंद नहीं होती इतना ही नहीं रात को तो शराब की दुकानों पर लगने वाले जमघट से सड़कें तक जाम हो जाती है, अव्यवस्थाओं का आलम रहता है और पुलिस नजरअंदाज कर निकल जाती है।

दुकान संचालकों के साथ शराब के शोकीनों में पुलिस व आबकारी अधिकारियों का कोई भय नहीं है। यहीं कारण है कि शहर में शांति व्यवस्था बनाए रखने को लेकर जनता की नजरों में पुलिस की छवि इस प्रकार बन गई है कि अब सोशल मीडिया पर लोग तीखे कमेंट्स कर कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि रात 10 बजे बाद पुलिस की सख्ती केवल खानपान की दुकानों पर रहती है। जबकि शराब दुकानदार बैखोफ होकर मनमानी पर आतुर है।

जिम्मेदार पढ़ें, जनता की नजरों में यह है पुलिस की छवि

शराब की दुकान से पुरी अर्थव्यवस्था चलती है। गुटखा-पान-मसाला सिगरेट से सरकार की आमदानी बढ़ती है।-अजय प्रजापत

आबकारी पुलिस का भी कुछ काम होता है। सब उनकी नजर में हो रहा है। पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा उज्जैन में शराब बिकती है। ठेके वाले बोलते है कि पुलिस हमारा कुछ नही बिगाड़ सकती।-संजय सिंदल

शराब दुकान से कमीशन जाता है। आइसक्रीम (खानपान) की दुकान से नहीं जाता।-गौरव दीक्षित

लिफाफे टाइम से पहुंच रहे हैं इसलिए इनका टाइम बढ़ा हुआ है। सब लुटेरे हैं लूट मचा रखी है। पुलिस प्रशासन सिर्फ दलाल बनकर दलाली करते रहते हैं।-राजवीर सिंह चौहान

भाई साहब आप रात कि बात कर रहे यहां नागझिरी में तो दिन हाड़े नशेडिय़ों का जमावड़ा रहता हैं।-श्वेता अथावाले

बंदी का कमाल है हफ्ता करता माला माल है।-संदीप सिंह कुशवाह

पुलिस की गाड़ी बस बॉटल लेने रूकती है और फिर कलटी।-रजा शर्मा

पुलिस सरकार के राजस्व के साथ-साथ अपने हित का भी ध्यान रखती है।-रविन्द्र कुमार

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