उज्जैन-देवास-इंदौर रेल लाइन दोहरीकरण

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हाई स्पीड ट्रेन का लाभ मिलेगा, आधे घंटे का समय बचेगा, सर्किट ट्रेन की सौगात मिल सकती है

प्रतिदिन 40 हजार से अधिक यात्रियों को मिलेगी सुविधा, रेल के विस्तार में भी कई योजनाओं पर होगा अमल…

उज्जैन-देवास-इंदौर रेल लाइन दोहरीकरण में करीब ७५ प्रतिशत काम पूर्ण हो गया है। यह स्पीड रही तो काम दिसबंर के पहले ही पूरा हो जाएगा। लाइन दोहरीकरण से उज्जैन-देवास-इंदौर को हाई स्पीड ट्रेन का लाभ तो मिलेगा ही, उज्जैन-इंदौर के बीच देवास होकर रेल सफर में आधे घंटे की बचत भी होगी। उज्जैन-देवास-इंदौर-फतेहाबाद-उज्जैन के लिए सर्किट ट्रेन की सौगात मिल सकती है।

जानकारों के अनुसार रतलाम रेल में लाइनों के गेज परिवर्तन, दोहरीकरण और लाइनों का 100 प्रतिशत विद्युतीकरण से मालवा-निमाड़ को अनेक रेल सुविधाओं का लाभ मिलना तया है। विद्युतीकरण-दोहरी लाइन तो वंदे भारत जैसी हाई स्पीड ट्रेनों की नींव है। इंदौर से तो वंदे भारत चलना ही है, कुछ हद तक इसका लाभ उज्जैन को मिलना तय है।

रेल लाइन दोहरीकरण 70% पूर्ण

रेलवे सूत्रों के मुताबिक उज्जैन-देवास-इंदौर रेल लाइन दोहरीकरण 70 प्रतिशत पूरा हो गया है। वहीं रतलाम मंडल के रेल मार्ग का 100 प्रतिशत विद्युतीकरण कर दिया गया है। रेल लाइन दोहरीकरण और 100 फीसदी विद्युतीकरण से हर दिन इंदौर से चलकर देवास होते हुए उज्जैन और यह से अन्य शहर/प्रांतों के चलने वाली ट्रेनों में 40 हजार से ज्यादा यात्रियों को सफर में 20-30 मिनट तक की बचत होगी। डीजल इंजन बंद होने से रेलवे को फ्यूल कॉस्ट में जहां 20 से 25 फीसदी का फायदा हुआ है, वहीं इलेक्ट्रिक इंजन से कोच कैपेसिटी बढ़ी है।

दौड़ेगी वंदे भारत एक्सप्रेस…

रेलवे लाइन विद्युतीकरण और दोहरीकरण का फायदा वंदे भारत ट्रेन के रूप में मिल सकता है। इसे इंदौर से जबलपुर तक चलाया जाएगा। देवास, उज्जैन, रानी कमलापति, इटारसी में भी ट्रेन स्टॉपेज लेगी। रानी कमलापति के स्थान पर भोपाल स्टेशन का चयन भी किया जा सकता है। अधिकतम स्पीड 130 किमी प्रति घंटा होगी। चैन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्टरी में इन दिनों वंदे भारत ट्रेन के रैक बन रहे हैं। मार्च में इंदौर को 16 कोच वाला एक रैक अलॉट हो सकता है।

लोकल की तरह सर्किट ट्रेन

उज्जैन से देवास और फतेहाबाद दोनों तरफ से बड़ी लाइन का यातायात चल रहा है। इन लाइन का विद्युतीकरण भी है। व्हाया देवास दोहरीकरण जारी है। ऐसे में आने वाले समय में मुम्बई की लोकल ट्रेन के तर्ज पर उज्जैन-देवास-इंदौर-फतेहाबाद-उज्जैन के लिए सर्किट ट्रेन की योजना भी तैयार की जा सकती है। कुछ वर्ष पहले उज्जैन-देवास-इंदौर दोहरीकरण, 3फतेहाबाद गेज परिवर्तन की मांग होने और योजना की स्वीकृति के दौरान भी सर्किट ट्रेन की योजना पर चर्चा हुई थी, लेकिन दोहरीकरण और गेज परिवर्तन की प्राथमिता होने से सर्किट ट्रेन की बात आगे नहीं बढ़ी। अब, जबकि परिस्थितियां अनुकूल है, तो जनप्रतिनिधि इस मुद्दे को सरकार के समक्ष रख सकते हैं।

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