उज्जैन:CMHO ने ली डॉक्टर्स की बैठक, नोडल अधिकारी बोले भोपाल से निर्देश थे इसलिए दे दिया मेडिकल स्टोर का नम्बर

मामला आरआरटी के माध्यम से मरीजों की जानकारी मेडिकल स्टोर्स तक पहुंचने का

उज्जैन।उज्जैन में होम क्वारेंटाइन होने वाले कोरोना पॉजिटिव मरीजों के मोबाइल नंबर पर मेडिकल स्टोर्स के कॉल आने तथा आक्सीमीटर, थर्मामीटर एवं अन्य दवाइयों की घर पहुंच सेवा देने के मामले ने इतना तूल पकड़ा कि सीएमएचओ को बुधवार दोप. चरक भवन में आरआरटी की बैठक बुलाना पड़ी।

अक्षरविश्व ने इस विषय को उठाया तो शहरभर से इस संबंध में कई शिकायतें आई और कहा कि कलेक्टर तक यह बात पहुंचना चाहिए कि पॉजिटिव मरीज को पहले मेडिकल स्टोर वाले बता देते हैं कि आपकी रिपोर्ट पॉजिटिवआई है। दूसरी ओर जो किट होम क्वारेंटाइन मरीज के घर पर दी जाती है, उसमें लिस्ट में दर्ज सामग्री से कम निकलती है। जैसे- एन-95 मॉस्क, पॉलीथिन बैग, दवाइयां आदि।

कलेक्टर हुए नाराज तब जागा स्वास्थ्य विभाग…

कलेक्टर आशीष सिंह ने जब फटकार लगाई तो स्वस्थ विभाग के 16 डॉक्टर्स बैठक को सीएमएचओ डॉ. महावीर खंडेलवाल और नोडल अधिकारी डॉ. रौनक एलची ने संबोधित किया। सभी को कड़े शब्दो में कहा कि आप लोगों में से कोई ऐसा है, जो मेडिकल स्टोर्स एवं मेडिकल रिप्रजेंटेटिव के संपर्क में है और उन तक कोरोना बुलेटिन कथित तौर पर पहुंच रहा है। साथ ही वे मरीज से ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर, दवाइयाों के लिए संपर्क कर रहे हैं। यह गलत है। रैपिड रिस्पांस टीम का काम मरीजों की देखरेख करना है, किसी मेडिकल स्टोर्स की दवाइयां बिकवाना नहीं। चेतावनी देकर बैठक समाप्त कर दी गई। यह समझा जा रहा था कि कुछ डॉक्टर्स को हटा दिया जाएगा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

बैठक के बाद व्हाट्सएप चैट का स्क्रीन शॉट वायरल
बैठक के बाद कुछ सदस्यों ने अपने व्हाट्सएप खोले और उसमें अपने नोडल अधिकारी डॉ. रौनक एलची द्वारा भेजी गई एक चैट तथा मोबाइल नंबर का स्क्रीन शॉट कॉपी किया गया। वह स्क्रीन शॉट अक्षरविश्व के पास सुरक्षित है। रैपिड रिस्पांस टीम के कुछ डॉक्टर्स ने कहा कि हमारे नोडल अधिकारी ही हमे मेडिकल स्टोर्स का नंबर देते हैं, बंटवाते हैं। महीनों से यह हो रहा है। अब बात अक्षरविश्व में प्रकाशित हुई तो कहा जाता है कि आप लोग दोषी हो? गुस्से में उक्त स्क्रीन शॉट वायरल कर दिया गया।

यह लिखा है व्हाट्सएप चैट में
डॉ. रौनक एलची के मोबाइल नंबर से आरआरटी के व्हाट्सएप ग्रुप में जारी इस चैटिंग में लिखा है कि- ‘बेहद जरूरी सूचना। आप जिसे भी होम आयसोलेट करें, उन्हें आवश्यक रूप से पल्स आक्सीमीटर और थर्मामीटर अवश्य खरीदवाएं। अगर वो नहीं खरीदता है तो उसे पीटीएस भेज दें। आपकी सुविधा के लिए मैं एक मेडिकल वाले का नंबर दे देता हूं। यह दे आना और बोलना कि यहां से बुलाकर तुरंत आपको सूचित करें। अगले दिन सुबह तक अगर नहीं खरीदता है तो उसे शिफ्ट कर देना है। साथ ही एक मोबाइल नंबर भी भेजा गया।

इनका कहना है

सीएमएचओ डॉ. महावीर खंडेलवाल के अनुसार यह बात कलेक्टर तक पहुंच गई है। मैंने साफ चेतावनी दे दी है। यदि आगे कोई इस प्रकार की हरकत होती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह गलत बात है कि डॉक्टर्स अपनी पसंद के मेडिकल स्टोर्स का नंबर दे और संबंधित मरीज से सीधा संपर्क करें। यह मरीज की स्वतंत्रता है कि वह कौन सा सामान कहां से खरीदवाए।

नोडल अधिकारी डॉ. रौनक एलची के अनुसार कोरोना पॉजिटिव मरीज यदि होम आयसोलेट होता है तो ऑक्सीमीटर एवं थर्मामीटर उसके पास होना आवश्यक है। सुबह एवं शाम को रिपोर्ट ली जाती है, ताकि मॉनिटरिंग हो सके। रैपिड रिस्पांस टीम के डॉक्टर हर घर में सुबह-शाम इसके लिए नहीं जा सकते। यह तब की बात है, जब भोपाल से निर्देश आए थे। मैंने तत्काल अपनी टीम को निर्देश दिए और कहा कि तत्काल पालन करना है, ऐसे में मेरे परिचित के मेडिकल स्टोर्स का नंबर दे देता हूं। वहां से मरीज सामान बुलवा ले। बाद में क्या हुआ, पता नहीं।

रैपिड रिस्पांस टीम के कुछ डॉक्टर्स के अनुसार हमें ग्रुप में नोडल अधिकारी ने मेडिकल स्टोर्स का नंबर दिया। तभी से मेडिकल स्टोर्स का नंबर हम होम आयसोलेट मरीजों को दे रहे हैें। हमे नहीं पता उनके पास मरीजों की सूची एवं मोबाइल नंबर हमारे पहले कैसे मिल जाते हैं। ऐसे मामले हुए हंै कि हम मरीज के पास पहुंचे, तब तक सबंधित मेडिकल से उन्होंने ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर मंगवा लिए थे। इसमें हमारी क्या गलती?

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