ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, बाइपेप मशीन सहित पांच करोड़ से ज्यादा के सामान का कोई हिसाब नहीं

तीसरी लहर आने की आशंका और उससे जंग की तैयारी के बीच उज्जैन जिले में बड़ी गड़बड़ी होने की आशंका जताई जा रही है। गड़बड़ी इस बात की कि महामारी के दौरान दान में आई व जनप्रतिनिधियों द्वारा दिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, सिलेंडर, बाइपेप मशीन आदि उपकरणों व सामग्रियों का हिसाब-किताब किसी के पास नहीं है।

यह करोड़ों रुपए की सामग्री थी। मंत्री-सांसद के सवाल उठाने के बाद कलेक्टर ने इसके सत्यापन के निर्देश दिए हैं। 11 जून को हुई जिला क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में उच्च शिक्षा व कोरोना के जिला प्रभारी मंत्री डॉ. मोहन यादव और सांसद अनिल फिरोजिया सहित अन्य जनप्रतिनिधि इसे लेकर सवाल खड़े कर चुके हैं।

दरअसल बैठक में चर्चा हो रही थी कि यदि तीसरी लहर आती है तो हमारे पास दान में आए व जनप्रतिनिधियों द्वारा दिए गए संसाधन व उपकरण बड़ी मात्रा में है। खासतौर पर ऑक्सीजन से जुड़े, लेकिन जब प्रश्न किया गया कि वर्तमान में यह सारी चीजें कहां हैं और किस हालत में रखी हुई हैं? जवाब किसी के पास नहीं था।

जनप्रतिनिधियों ने कहा कि मेडिकल सामग्री से जुड़ा सारा हिसाब-किताब तो सीएमएचओ या इनके बीएमओ को रखना चाहिए था। इस पर कलेक्टर आशीष सिंह ने सीएमएचओ डॉ. महावीर खंडेलवाल को निर्देश दिए हैं कि वे कोरोना काल में आई इन तमाम सामग्रियों का भौतिक सत्यापन करवा हिसाब दें।

जिले में 5 करोड़ से ज्यादा का दान

जानकारी के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर में अचानक बढ़े मरीज और मौतों के बाद लोग आगे आए थे। इस दौरान जिले में 5 करोड़ रुपए से ज्यादा का दान जमा हुआ था। ऐसे में माना जा रहा है कि मंगलवार को या अब जब भी ग्रुप की बैठक होगी तो उसमें यह मुद्दा गरमाने।

सवाल यह कि स्वास्थ्य विभाग के या अन्य जिम्मेदार अधिकारी क्या इन तमाम सामग्रियों और उपकरणों का हिसाब दे पाएंगे? क्योंकि कई बार दान आई सामग्री सीधे निजी हाथों में या जरूरतमंदों के पास व संबंधित स्थलों पर ही पहुंची थी।

मॉल को मिल सकती है अनुमति
एक जून से सशर्त शुरू हुए अनलॉक के पहले चरण की अवधि 15 जून को पूरी होने जा रही है। ऐसे में 16 जून से शुरू होने वाले अनलॉक के दूसरे चरण को लेकर जिला आपदा प्रबंधन समूह की मंगलवार को बैठक हो सकती है। इसमें शॉपिंग माॅल को भी खोलने की अनुमति दी जा सकती है।

मैरिज गार्डन को भी 50 फीसदी क्षमता के हिसाब से संचालित करने की छूट दी जा सकती है। शासन द्वारा जारी गाइडलाइन को सामने रखकर और जिले में कोरोना नियंत्रण की ताजा परिस्थितियों के मद्देनजर निर्णय लिए जाएंगे।

मंत्री, सांसद और विधायक कोटे के खर्च का रिकॉर्ड तो फाइलों में मिल जाएगा पर उपकरण कहां है?

बैठक में कुछ भाजपाइयों ने तो इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर सिंह को यह तक कह दिया था कि मंत्री, सांसद और विधायक कोटे के खर्च का रिकॉर्ड तो आपके कार्यालय में भी मिल जाएगा। क्योंकि वहां से प्रशासकीय स्वीकृति जारी हुई है लेकिन बड़ा सवाल यह कि उस खर्चे से जो उपकरण व सामग्री आई वह आज कहां है? क्या हम तीसरी लहरी जरूरत पड़ने पर उसे उपयोग कर पाएंगे या नहीं ?

दान व जनप्रतिनिधियों की दी हुई सामग्रियों का अधिकारियों से मांगा है हिसाब

यह गंभीर विषय है। यदि तीसरी लहर आती है तो हमें मेडिकल उपकरण की जरूरत पड़ेगी। अब तक जो दान में आई व जनप्रतिनिधियों ने सामग्रियां दी थी, वह सब कहां है इसे लेकर अधिकारियों से हिसाब मांगा है। अगली बैठक में फिर से चर्चा करेंगे।-

डाॅ. मोहन यादव, उच्च शिक्षा व जिले के कोरोना प्रभारी मंत्री


कोरोना की दूसरी लहर के दौरान दान में मिले सामान का हमारे पास सारा रिकॉर्ड रखा है प्रस्तुत कर देंगे।

डॉ. महावीर खंडेलवाल, सीएमएचओ

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