जिले में शून्य से सुकून, 88 दिन बाद पूरा UJJAIN जीरो पर

बचाव के लिए मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी

उज्जैन। कोरोना की तीसरी लहर का असर अब लगभग पूरी तरह कम हो गया है। शहर सहित पूरे उज्जैन जिले में शनिवार को कोरोना के शून्य से सुकून रहा। राहत यह है कि 88 दिन बाद पूरा उज्जैन जीरो पर आ गया हैं।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा शनिवार को जारी हेल्थ बुलेटिन में एक भी नया कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं मिला। जिले से कुल 1473 लोगों के सैंपल लिए गए थे, जिनमें से सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। शनिवार को 5 मरीज भी ठीक होकर वापस अपने घर लौटे। इससे रिकवरी रेट 99.14 प्रतिशत हो गया। हालांकि 32 लोग अभी भी होम आइसोलेशन में हैं। कोविड सेंटर के सभी बेड खाली हैं।

संक्रमण का खतरा भी कम: विशेषज्ञों के अनुसार कोविड के आर-वैल्यू को कोरोना में संक्रमण का पता लगाने का माप माना जाता है। इसमें यह पता चल जाता है कि संक्रामकता कितनी होगी।

यदि वैल्यू एक प्रतिशत से कम है तो संक्रमण का खतरा कम है और वैल्यू एक प्रतिशत से ज्यादा आती है तो खतरा ज्यादा है। इसमें मरीज अपने कांटेक्ट में आए लोगों को संक्रमित कर सकता है। कोविड-19 टेस्टिंग में आर-वैल्यू रि-प्रोडेक्टिव एक प्रतिशत से कम आ रही है, ऐसे में संक्रमण का खतरा कम है। चौथी लहर की भी आशंका जताई जा रही है।

तीसरी लहर मेंं 5263 मरीज हुए संक्रमित
कोरोना की पहली लहर में 4395 मरीज संक्रमित पाए गए थे, जिनमें से 80 प्रतिशत मरीज पुराने शहर के थे, जिनकी इम्युनिटी हर्ड हो गई। दूसरी लहर में 14700 मरीज संक्रमित पाए गए, जिनमें 75 प्रतिशत मरीज नए शहर के पाए गए। दोनों लहर में कुल 19095 मरीजों में से 171 मरीजों की मौत हुई। तीसरी लहर मेंं 5263 मरीज संक्रमित पाए गए, जिनमें से केवल पांच मरीजों की मौत हुई है।

सतर्कता आवश्यक है
कोविड तीसरी लहर खत्म होने की कगार पर है पर आने वाले समय के लिए सतर्कता रखना जरूरी हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना की तीसरी लहर में कोविड टेस्टिंग में आर-वैल्यू रि-प्रोडेक्टिव कम होने के बीच चौथी लहर दस्तक दे सकती है। इसमें स्थानीय स्तर पर असर दिखाएगी। केस तेजी से बढ़ेंगे लेकिन मरीज जल्द ठीक होंगे।

जिले में आंकड़ा शून्य पर पहुंच गया है और संक्रमण दर घटकर 0 प्रतिशत रह गई है। जिले में सर्दी-खांसी व बुखार के मरीज लगातार पाए जा रहे हैं।

ऐसे मरीज आशंका के चलते कोरोना टेस्ट करवा रहे हैं, लेकिन राहत की बात है कि जांच में अधिकांश लोगों में संक्रमण नहीं पाया जा रहा है, क्योंकि वायरस के संक्रमण का असर कम हो गया है। संक्रमण की दर लगातार घट रही है लेकिन जिन लोगों ने पहला या दूसरा टीका नहीं लगवाया है, वे संक्रमित हो सकते हैं। प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने और मास्क का उपयोग नहीं करने वालों के भी संक्रमित होने की आशंका बनी हुई है

 

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