निगम केे यूएमसी सेवा एप के हाल:ऑनलाइन में नया झूठ- रिसॉल्व, 3 किस्सों ने सामने रखी हकीकत

ढांचा भवन के रहवासी अरुण ने 3 अक्टूबर को सीवरेज या बारिश का पानी ओवरफ्लो होने की शिकायत दर्ज करवाई। जवाब में उनके पास निगम से कॉल आया कि आज यानी रविवार को छुट्‌टी है, कल आएंगे। यह सुनकर अरुण ने 4 अक्टूबर को सुबह 9.49 बजे एप पर खुद की शिकायत का स्टेटस देखा तो उन्हें समस्या रिसॉल्व (हल) दिखाई दी। अरुण ने 4 अक्टूबर को शाम 5 बजे भास्कर से वही फोटो शेयर कर बताया समस्या हल नहीं हुई।

ऋषिनगर के पारस ने 2 अक्टूबर को एप पर घर के सामने रखे बेरिकैड्स हटाने की शिकायत दर्ज करवाई। निगम अमले ने बगैर देखे, सोचे, समझे उस पर रिसॉल्व लिख दिया। भास्कर से चर्चा में पारस ने कहा- बेरिकैड्स रविवार शाम तक वही रखे हैं। जब समस्या निगम से जुड़ी नहीं थी तो उसे एप पर स्वीकार ही क्यों किया। मोहम्मद शाहिद ने 3 अक्टूबर को ऋषिनगर में बगीचे की बदहाली की शिकायत दर्ज करवाई। 4 अक्टूबर को उनके स्टेट्स पर होल्ड लिख दिया।

इन तीन शिकायतों से निगम की कार्यशैली पता चलती है। नगर निगम के यूएमसी सेवा एप पर शिकायत के बाद भी निराकरण में तेजी नहीं दिखाई नहीं दे रही। समस्याओं का समाधान करने के लिए तीन दिन पहले एप लांच किया था। तब दावा किया था कि इससे शिकायताें का समाधान जल्दी हो सकेगा। रहवासी शिकायत के साथ उसके फोटो भी भेज सकेंगे, जिस पर वर्तमान स्थिति पता चलेगी। एप की शुरुआत में ही 1257 रहवासियों ने इसे डाउनलोड कर शिकायतें दर्ज करवाना शुरू कर दिया था। दो दिन में एप के जरिए 141 शिकायतें दर्ज करवाई गई। इसमें से 70 के निराकरण का दावा किया जा रहा है। हालांकि निराकरण की जगह अब भी केवल कागजी खानापूर्ति की जा रही है।

 

शिकायत निराकरण का प्रयास

एप का मकसद यही है कि समस्याओं का निराकरण किया जा सके। शिकायत दर्ज करते संबंधित विभाग को मैसेज मिलता है, उन्हें प्राथमिकता के तौर पर समाधान करना है।

क्षितिज सिंघल, आयुक्त नगर निगम

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