- महाकाल मंदिर में फिर आकार लेगा 1000 साल पुराना टेंपल: खुदाई में मिले थे परमारकालीन अवशेष, 37 फीट ऊंचा भव्य मंदिर बनेगा
- उज्जैन कलेक्टर ने जीवनखेड़ी को सिंहस्थ क्षेत्र अधिसूचित किया
- भस्म आरती दर्शन शुक्रवार: चंदन, भांग, चेरी और बिल्ब पत्र अर्पित कर भगवान गणेश के रूप में श्रृंगार
- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 22 सितंबर को उज्जैन आएंगे, भक्त निवास और अन्नक्षेत्र का लोकार्पण करेंगे
- भस्म आरती दर्शन: भांग, चंदन, सूखे मेवों से बाबा महाकाल का गणेश रूपी दिव्य श्रृंगार
बुधवार भस्म आरती दर्शन:भगवान महाकाल के मस्तक पर रजत चंद्र अर्पित कर राजा स्वरूप श्रृंगार

विश्व प्रसिद्ध दक्षिण मुखी श्री महाकालेश्वर मंदिर में बुधवार तड़के भस्म आरती के दौरान 4 बजे मंदिर के कपाट खोले गए। जल से भगवान महाकाल का अभिषेक करने के पश्चात दूध, दही, घी, शक्कर, फलों के रस से बने पंचामृत पूजन किया गया। भगवान महाकाल के मस्तक पर रजत चंद्र अर्पित कर राजा स्वरूप श्रृंगार किया गया।
भगवान महाकाल को भस्म अर्पित करने के दौरान भांग चन्दन अबीर के साथ रजत का चंद्र अर्पित किया गया, शेषनाग का रजत मुकुट रजत की मुण्डमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ साथ सुगन्धित पुष्प से बनी फूलों की माला धारण की भगवान महाकाल ने।
फल और मिष्ठान का भोग लगाया भस्म आरती में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। महा निर्वाणी अखाड़े की और से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गयी। मान्यता है की भस्म अर्पित करने के बाद भगवान निराकार से साकार रूप में दर्शन देते है।