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मनोकामना पूरी होने पर भक्त ने महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल को अर्पित किया छप्पन भोग
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महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालु की ओर से भगवान महाकाल को छप्पन भोग लगाया गया. वैसे छप्पन भोग अर्पित करने की परंपरा कार्तिक व सावन में है. अगर किसी भक्त की मनोकामना पूरी हो जाती है तो वह छप्पन भोग कभी भी लगा सकता है. ऐसे ही एक भक्त की मनोकामना पूरी हुई तो भगवान महाकाल को छप्पन भोग लगाया गया.
12 ज्योतिर्लिंगों से एक महाकालेश्वर मंदिर में रोजाना लाखों की संख्या में श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन के लिए आते हैं. भगवान महाकाल से प्रार्थना कर आशीर्वाद लेते हैं. मनोकामना पूर्ण होने पर कुछ भक्त अपने-अपने तरीके से भगवान महाकाल को दान के रूप में जो श्रद्धा होती है, वह चढ़ाकर जाते हैं. बुधवार को प्रातः काल भगवान महाकाल की भस्म आरती में श्रद्धालुओं की ओर से छप्पन भोग लगाया गया. जिसमें तमाम प्रकार के भोग भगवान भगवान महाकाल को अर्पित किए गए.
कार्तिक व सावन में छप्पन भोग : वैसे तो मान्यता है कि कार्तिक और सावन के महीने में अन्नकूट और सवा लाख लड्डू का भोग लगाया जाता है. लेकिन इस बीच यदि किसी श्रद्धालु की मनोकामना पूर्ण हो जाती है तो वह अपनी ओर से छप्पन भोग लगा सकता है. महाकालेश्वर मंदिर के महेश पुजारी ने बताया कि वैसे तो मान्यता है कि महाकालेश्वर मंदिर में कार्तिक मास की चौदस पर भगवान महाकाल को अन्नकूट छप्पन भोग लगाया जाता है. वहीं सावन मास की पूर्णिमा में सवा लाख लड्डू का भोग लगाया जाता है. भगवान महाकाल भक्तों की मुराद पूरी कर देते हैं तो भक्त अपनी ओर से छप्पन भोग लगाता है.
कुछ भक्त सोना भी चढ़ाते हैं : भगवान महाकाल के दरबार में रोजाना लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. मनोकामना पूरी होने पर श्रद्धालु भगवान महाकाल के मंदिर में दान करके जाते हैं. वहीं कई श्रद्धालु ऐसे होते हैं जो भगवान महाकाल को सोने-चांदी के आभूषण अर्पित करते हैं. कई श्रद्धालु ऐसे होते हैं जो महाकालेश्वर मंदिर की गौशाला और अन्य क्षेत्र में सामग्री अर्पित करते हैं और कई श्रद्धालु ऐसे होते हैं जो भगवान महाकाल के अन्य कार्यों के लिए दान देते हैं. बुधवार को भी श्रद्धालुओं की ओर से भगवान महाकाल को छप्पन भोग लगाया गया.