महाकाल का नया प्लान:पर्व और वीआईपी के लिए नया रास्ता,

महाकाल मंदिर परिसर में नया रास्ता बनाने पर मंथन किया जा रहा है। यह नया रास्ता गणेश मंडप से आपात द्वार, देवास धर्मशाला होकर रुद्रसागर की ओर निकाला जा सकता है। इस रास्ते का इस्तेमाल पर्व-त्योहार पर श्रद्धालुओं को तेजी से बाहर निकालने में हो सकता है। इसके अलावा मंदिर समिति वीआईपी, सशुल्क दर्शन में भी इसका उपयोग कर सकती है। यह आपात स्थिति में भी निर्गम के लिए आसान रास्ता होगा।

महाकाल मंदिर में निर्गम का केवल एक ही द्वार है। निर्गम व्यवस्था बढ़ाने के लिए मंदिर समिति को आर्किटेक्ट नितिन श्रीमाली ने नया प्लान दिया है। यह नया रास्ता नंदीगृह के पीछे गणेश मंडपम के सामने आपात द्वार, देवास धर्मशाला होकर रुद्रसागर की ओर खोला जाएगा। इसके लिए आपात द्वार को हटाया जाएगा। इसे तल से लेवल करते हुए रुद्रसागर वाले रास्ते पर खोल सकते हैं।

इस नए रास्ते का उपयोग केवल विशेष पर्व-त्योहार पर अधिक भीड़ होने, आपात स्थिति में श्रद्धालुओं को बाहर निकालने और वीआईपी दर्शन व्यवस्था के साथ सशुल्क दर्शन व्यवस्था के लिए किया जा सकता है। मंदिर समिति इसके उपयोग को लेकर निर्णय ले सकती है। मंदिर समिति अध्यक्ष कलेक्टर आशीष सिंह व एसपी सत्येंद्र शुक्ल ने इसे हरी झंडी दी है। गुरुवार को समिति सदस्यों के साथ उन्होंने श्रीमाल से इस प्लान को समझा।

पुजारियों का कहना था कि यदि इस मार्ग से निर्गम व्यवस्था की जाती है तो श्रद्धालु परिसर के अन्य मंदिरों में नहीं जा सकेंगे। यूडीए सीईओ सोजान सिंह रावत ने कहा कि सामान्य दिनों में मौजूदा प्रवेश व निर्गम व्यवस्था चालू रखी जा सकती है। इस नए मार्ग से बन जाने से पर्व-त्योहार पर व्यवस्था में मदद मिलेगी। यह मार्ग अंडर ग्राउंड रहेगा। इसके ऊपरी हिस्से का उपयोग भी होता रहेगा।

शिवरात्रि की तैयारी : मंदिर समिति ने पुजारियों और अधिकारियों से लिए सुझाव

महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर 11 व 12 मार्च को दर्शन व्यवस्था तथा 12 मार्च को दोपहर में होने वाली भस्मआरती में प्रवेश का फैसला अब सोमवार को होगा। मंदिर समिति ने गुरुवार को पुजारियों और अधिकारियों से सुझाव लिए हैं। इन सुझावों के आधार पर अब पुलिस और प्रशासन मिलकर व्यवस्था तय करेंगे। सोमवार की बैठक में इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। प्रशासन ने फिलहाल महाशिवरात्रि पर भी भस्मआरती में श्रद्धालुओं को प्रवेश देने के पक्ष में नहीं है। कोरोना संक्रमण के लॉकडाउन से भस्मआरती में श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद है।

समिति की पिछली बैठक में तय हुआ था कि भस्मआरती में प्रवेश महाशिवरात्रि के बाद शुरू किया जाएगा। लेकिन गुरुवार को हुई बैठक में मंदिर समिति अध्यक्ष कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा सोमवार को इस संबंध में फैसला करेंगे। बैठक में समिति सदस्य विजयशंकर पुजारी, दीपक मित्तल, एडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी, निगमायुक्त क्षितिज सिंघल, स्मार्ट सिटी सीईओ जितेंद्रसिंह चौहान भी मौजूद थे।

मंदिर को दान देने वाले बड़े दानदाताओं के लिए दर्शन की व्यवस्था भी तय हो

महाकाल प्रवचनधाम में गुरुवार सुबह हुई बैठक में मंदिर के पुजारी बहुत कम संख्या में पहुंचे। पुजारी आशीष गुरु ने शिव नवरात्रि की नौ दिन की परंपराएं व महाशिवरात्रि की परंपराओं की जानकारी दी। प्रदीप गुरु ने कहा कि हमें महाशिवरात्रि की दर्शन व्यवस्था में वीआईपी और सामान्य श्रद्धालुओं की अलग व्यवस्था तय करना चाहिए।

पूर्व प्रशासक व यूडीए सीईओ सोजान सिंह रावत ने 2020 में महाशिवरात्रि की व्यवस्था की जानकारी देते हुए कहा मंदिर में सामान लाने वाले वाहनों के आने-जाने में दिक्कत आती है। पुलिस अधिकारियों ने वीआईपी पास और सशुल्क दर्शन पास से प्रवेश एक ही जगह होने से हुई अव्यवस्था की जानकारी दी। पीडब्ल्यूडी के ईई जीपी पटेल ने प्रवेश स्थल पर पुलिस व्यवस्था करने को कहा।

शिव नवरात्रि 3 मार्च से, नौ दिन महाकाल बनेंगे दूल्हा, रोज नए शृंगार होंगे दर्शन

महाकालेश्वर मंदिर में शिव नवरात्र की शुरुआत 3 मार्च से होगी। नौ दिन तक भगवान को रोज नया शृंगार किया जाएगा। महाशिवरात्रि 11 व 12 मार्च की रात रहेगी। 12 मार्च को सुबह भगवान के सेहरा दर्शन और दोपहर 12 बजे भस्मआरती होगी। पुजारी आशीष गुरु ने बताया 3 मार्च को सुबह चंद्रमौलेश्वर व कोटेश्वर महादेव का पूजन होगा।

सुबह 9.30 बजे से महाकाल के गर्भगृह में 11 पुजारी रुद्राभिषेक करेंगे। सुबह 10.30 बजे होने वाली आरती दोपहर 1 बजे होगी। दोपहर 3 बजे भगवान का शृंगार किया जाएगा। भगवान वस्त्र व नाग धारण करेंगे। 11 व 12 मार्च की मध्यरात्रि में महाशिवरात्रि पूजन होगा। 12 मार्च को तड़के भगवान को सेहरा चढ़ाया जाएगा। सेहरा दर्शन सुबह तक होंगे। इसके बाद दोपहर में भगवान की भस्मआरती की जाएगी।

टीम ने सीढ़ियों से देखा स्ट्रक्चर में टूट-फूट तो नहीं

उज्जैन. महाकाल मंदिर के स्ट्रक्चर की मजबूती की दो दिन की जांच के बाद केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की के विशेषज्ञ गुरुवार को लौट गए। वे अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत करेंगे। दल ने दूसरे दिन गुरुवार को मंदिर स्ट्रक्चर के उन हिस्सों की जांच की, जहां जाने के रास्ते नहीं हैं। वहां सीढ़ी लगाकर विशेषज्ञ चढ़े और स्ट्रक्चर को हुए नुकसान की पड़ताल की। मंदिर के अन्य हिस्सों में भी जाकर अवलोकन किया।

दर्शन की अलग-अलग व्यवस्था रखी तो मुश्किल आएगी

एसपी सत्येंद्र शुक्ल ने कहा कि ऑनलाइन बुकिंग से ही प्रवेश दिया जाना चाहिए। इसकी संख्या बढ़ाई जा सकती है। यदि हमने फ्री कर दिया तो इतनी भीड़ आएगी कि संभालना मुश्किल होगा। एएसपी अमरेंद्रसिंह ने कहा हमें एक ही जगह से प्रवेश देना चाहिए।

इससे तेजी से दर्शन होंगे। यदि वीआईपी, सशुल्क दर्शन और सामान्य दर्शन अलग-अलग व्यवस्था रखी तो मुश्किल आएगी। सशुल्क दर्शन व्यवस्था बंद रखना चाहिए। उन्होंने बताया कि नाराज श्रद्धालुओं ने आधा किमी तक बेरिकेड्स गिरा दिए थे।

पटेल ने कहा कि यदि हम होल्डअप करते हैं तो भीड़ बढ़ती है, इसलिए एक ही तरफ से सभी को प्रवेश देकर तेजी से दर्शन कराए जा सकते हैं। आईटी के धर्मेंद्र यादव ने ऑनलाइन परमिशन की जानकारी दी। यह अनुमान लगाया गया कि यदि ऑनलाइन व ऑफलाइन से महाशिवरात्रि पर 17 घंटे में 1 लाख श्रद्धालुओं को दर्शन कराए जा सकते हैं।

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