महाकाल मंदिर प्रबंध समिति में तीन अशासकीय सदस्यों की नियुक्ति के लिए बनी योजना…!

सांसद, मंत्री, विधायक कोटे से हो सकते हैं 1-1 सदस्य

उज्जैन। यदि सबकुछ ठीक रहा तो महाकाल की शाही सवारी से पहले महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के ३ अशासकीय सदस्यों की नियुक्ति राज्य शासन का धर्मस्व विभाग कर देगा।
सूत्रों का दावा है कि तीन सदस्यों की नियुक्ति के लिए एक नीति बनाई गई है। मंदिर एक्ट के नियमों का पालन करते हुए सदस्यों के नाम मांगे गए हैं। कुल 9 नामों में से तीन पर सहमती बनेगी। सांसद-मंत्री-विधायक कोटे से एक-एक सदस्य होगा।

भाजपा के सत्ता में आने के बाद महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति में एक बार फिर से तीन अशासकीय सदस्यों की नियुक्ति का मामला गरमा गया है। भोपाल तक हो रही लाबिंग के बीच संगठन ने एक नीति तैयार कर ली है। राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि इस समय उज्जैन की राजनीति में सांसद अनिल फिरोजिया,केबीनेट मंत्री डॉ.मोहन यादव एवं कद्दावर विधायक पारस जैन के त्रिकोण का पेंच फंसा हुआ है। तीनों के विचारधारा एक है लेकिन विचारों में भिन्नता देखने में आती है। यही कारण है कि किसी एक के सुझाव पर महाकाल मंदिर के बारे में निर्णय लेने में कठिनाई आती है। ऐसे में यह तय किया गया कि तीनों अपने समर्थकों के तीन-तीन नामों का पेनल भाजपा जिलाध्यक्ष को सौपेंगे। यह पेनल भोपाल जाएगा और वहां पर मंथन होगा।

सूत्र बताते हैं कि जो योजना तैयार की गई है,उसका ताना-बाना इसप्रकार बुना गया है :

तीनों एक-एक नाम राजनीतिक क्षेत्र से देंगे। तीनों एक-एक नाम सामाजिक क्षेत्र से देंगे। तीनों एक-एक नाम धार्मिक क्षेत्र से देंगे।

यह रहेंगे अघोषित शर्तें :

1. तीनों जो नाम देंगे वे सनातन धर्म के मानने वाले होंगे।

2. साफ छबि के साथ धार्मिक/आध्यात्मिक पुट होगा।

3. एक-एक नाम महाकाल मंदिर के पण्डे-पुजारियों में से देंगे।

4. कोशिश होगी कि इसप्रकार सहमती बने ताकि तीनों सदस्य सभी के साथ समन्वय बनाकर काम कर सके।

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