महाकाल में होली के बाद बदलेगा आरतियों का समय

शीतलता के लिए भगवान करेंगे ठंडे जल से स्नान…

उज्जैन। ऋतु परिवर्तन का असर भगवान की दिनचर्या पर भी पड़ता है। होली से ग्रीष्म ऋतु की शुरुआत मानी जाती है। होली के बाद से भगवान श्री महाकाल को ठंडे जल से स्नान करवाया जाएगा। अभी भगवान को गर्म जल से स्नान करवाया जा रहा है। इसी के साथ आरतियों के समय में भी परिवर्तन किया जाएगा।

शीत ऋतु की शुरुआत कार्तिक मास से होती है। इसीलिए दिवाली से पूर्व रूप चतुर्दशी से भगवान श्री महाकालेश्वर को गर्म जल से स्नान करवाया जाता है यह सिलसिला होली पर्व तक चलता है। होलिका दहन के साथ ही ग्रीष्म की ऋतु की शुरुआत हो जाती है। इसीलिए होली पर्व के बाद भगवान को ठंडे जल से स्नान करवाया जाएगा।

वहीं आरतियों के समय में भी बदलाव होगा। होलिका दहन १७ मार्च को होगा और अगले दिन चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा है। इस दिन से भगवान को ठंडे जल से स्नान का सिलसिला शुरू होगा जो कार्तिक मास की चतुर्दशी तक चलेगा। वहीं महाकाल की आरतियों के समय में भी बदलाव होगा। दद्योदक आरती सुबह 7 से ७.४५ बजे तक, तृतीय भोग आरती सुबह १० से १०.४५ तक और संध्या आरती शाम ७ से ७.४५ तक होगी। वहीं भस्मारती और शयन आरती के समय में बदलाव नहीं होगा। भस्मारती सुबह ४ बजे और शयन आरती रात्रि १०.३० से ११ बजे तक होती है।

 

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