महाकाल से कोरोना मुक्ति के लिए नृत्यांजलि

उज्जैन की रसराज प्रभात नृत्य संस्था की ओर से रविवार को नृत्यांजलि का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान समेत अमेरिका और नार्वे से करीब 200 कलाकार जुड़े हैं। जो सुबह 6:30 बजे से फेसबुक के जरिए प्रस्तुति दे रहे हैं। जो रात करीब 9:30 बजे तक चलेगा। इस बार लगातार 15 घंटे तक नृत्यांजलि के माध्यम से कोरोना महामारी से मुक्ति के लिए आराधना की जा रही है।

हर साल महाकाल के दरबार में होने वाली इस आराधना को कोविड के कारण इस बार मंदिर में करने की इजाजत नहीं मिली थी। तो समूह के लोगों ने अपने-अपने घरों से फेस बुक के माध्यम से जुड़े और प्रस्तुति दी। ख़ास बात ये की इस आराधना के लिए शालीन परिधान जैसे सूट, साड़ी, धोती, चुन्नी, पजामा-कुर्ता, अनिवार्य किए गए थे और सभी को 15 से 20 मिनट का समय दिया गया।

उज्जैन की रसराज प्रभात नृत्य संस्था द्वारा पिछले 33 सालों से इस तरह की नृत्यांजलि का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें बड़ी संख्या में बच्चे नृत्य के जरिए भगवन शिव की आराधना करते हैं। इस बार कोरोना के चलते फेसबुक के माध्यम से नृत्यांजलि की गई। जिसमें गणेश वंदना, शिव प्रस्तुति, माता स्तुति, प्रभु महिमा के साथ साथ लोक गीत भजन आदि पर नृत्य आराधना की प्रस्तुति दी। जो रात 9:30 बजे तक चलेगी। बिना ब्रेक के एक के बाद एक नृत्यांजलि चल रही है।

रसराज प्रभात नृत्य संस्था की डायरेक्टर साधना मालवीय ने बताया की हर साल इस तरह से भगवन महाकाल को नृत्यांजलि महाकाल मंदिर में ही दी जाती है, लेकिन इस बार कोरोना के चलते ऑनलाइन के माध्यम से कोरोना मुक्ति के लिए की जा रही है। उन्होंने बताया कि करीब 200 लोग जुड़े, सभी से रजिस्ट्रेशन करवाया गया। ये पूरी नृत्यांजलि भगवान महाकाल को सर्मपित की गई है।

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