सरपंच पद का प्रत्याशी नहीं मिला:6 माह बाद फिर चुनाव, तीन ग्राम पंचायतों में पद आरक्षित होने से सरपंच पद खाली

मध्य प्रदेश में सात साल बाद हो रहे पंचायत चुनाव के लिए शनिवार को वोट डाले जाएंगे। लेकिन उज्जैन के चार गाँव ऐसे है जहां मतदाता है फिर भी सरपंच का निर्वाचन नही होगा मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज है। इस बीच शनिवार को होने जा रहे पंचायत चुनाव में चार ग्राम पंचायत ऐसी है जिसमें सरपंच पद के उम्मीदवार ही नहीं मिला जिसके कारण सरपंच पद का चुनाव नहीं हो पाएंगे। दरअसल आरक्षण के बाद ऐसी स्थिति बनी कि कोई मुखिया पद का दावेदार ही नही मिला। लिहाजा इस पंचायत में सरपंच का चुनाव तो नही हो रहे, लेकिन पंचो के लिए निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर इस स्थिति में ग्राम पंचायत का प्रतिनिधित्व कौन करेगा।

उज्जैन जिले मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम भैंसोदा की ग्राम पंचायत के अंतर्गत खुसलाखेड़ी भी शामिल है। दोनों गांव के मतदाता की संख्या 1200 है। जिसमें भैंसोदा गांव में 796 और खुसलाखेड़ी गांव में 404 मतदाता है। पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने के बाद से ही यह पंचायत सुर्खियों में है। चर्चा में यह पंचायत इसलिए है, क्योंकि इस बार यहां से किसी ने भी सरपंच पद के लिए नामांकन नहीं भरा है। इसलिए यहां चुनाव ही नही हो पाएगा। दरअसल पंचायत चुनाव के लिए हुए आरक्षण मेें सरपंच पद का आरक्षण अनुसूचित जनजाति के लिए हुआ है। खास बात यह है कि जिस वर्ग के लिए सरपंंच पद का आरक्षण हुआ है, उस वर्ग से दोनों ही गांव में कोई भी मतदाता नही है। ऐसे में इस पंचायत से सरपंच के लिए नामांकन ही दाखिल नही हो सका।

बड़नगर में भी ऐसी तीन ग्राम पंचायत जहां आरक्षित होने के चलते सरपंच पद खाली

जनपद पंचायत बड़नगर की तीन ग्राम पंचायत सरसाना ,रणवा और नरसिंगा तीनों ही जगह सरपंच पद आरक्षित होने के चलते यहां भी यही हालात बने है। रणवा में sc के लिए सीट आरक्षित होने के चलते 800 मतदाता की पंचायत को सरपंच नहीं मिलेगा। क्युकी यहां भी कोई भी मतदाता एससी वर्ग से नहीं है। हालांकि पंच के रूप में 14 निर्विरोध निर्वाचित हो चुके है। ग्राम पंचायत सरसाना के भी यही हाल है यहां भी एससी के सरपंच पद आरक्षित हो गया लेकिन करीब 900 मतदाता को सरपंच नहीं मिल पायेगा। 1985 मतदाता वाली बड़ी ग्राम पंचायत होने के बाद भी यहां एससीएसटी का को भी प्रत्याशी सरपंच के लिए नहीं मिल पाया जिसके कारण यहां भी पंचायत फिलहाल बिना मुखिया के रहेगी।

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