अब उज्जैन में भी प्लाज्मा थैरेपी से इलाज, पल्लवी बोलीं- मैं डोनेट करने के लिए तैयार

आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में होगा इलाज, कलेक्टर ने कहा- एक-दो दिन में मिल जाएगी अनुमति

अब उज्जैन में प्लाज्मा थैरेपी से कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज हो सकेगा। कोरोना से लड़कर स्वस्थ्य हुई नर्स पल्लवी दास प्लाज्मा डोनेट करने के लिए तैयार है। इस थैरेपी से इलाज के लिए उन्हीं लोगों से प्लाज्मा लिया जा सकता है जो कोरोना पॉजिटिव से निगेटिव हुए हैं।

इस पद्धति से आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों का इलाज हो सकेगा। अभी इंदौर, भोपाल सहित देश-विदेश में प्लाज्मा थैरेपी से इलाज हो रहा है। इंदौर के दो मरीज इस थैरेपी से ठीक होकर घर जा चुके हैं। उज्जैन में कोरोना से हुई मौतों का आंकड़ा 43 पहुंच गया है। ऐसे में प्रशासन की चिंता है कि मरीजों की जान बचाई जाएं।  इस कड़ी में प्लाज्मा थैरेपी से इलाज की शुरुआत की हो रही है। कलेक्टर आशीष सिंह का कहना है कि इसके लिए एक-दो दिन में अनुमति मिल जाएगी। आरडी गार्डी अस्पताल में इलाज के लिए सभी संसाधन मौजूद हैं। इस थैरेपी का उपयोग गंभीर मरीजों के इलाज में किया जा सकेगा, ताकि वे जल्दी ठीक हो सकें। आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. एमके राठौर  का कहना है कि हमारे पास सैपरेशन मशीन है। हमें उच्चाधिकारियों को केवल मशीन की जानकारी देना है। इसके बाद अनुमति मिल जाएगी। जो मरीज ठीक होकर घर गए हैं उनकी काउंसलिंग करेंगे ताकि वे ज्यादा से ज्यादा संख्या में प्लाज्मा डोनेट करने के लिए तैयार हों, क्योंकि उन्हीं का प्लाज्मा ले सकते हैं।

 

मरीज के शरीर में कोरोना से लड़ने वाली एंटीबॉडी बनती है, इसलिए ये ही डोनर

डॉ. राठौर के अनुसार जो कोरोना से जीते हैं, उनके शरीर में इस बीमारी से लड़ने वाली एंटीबॉडी (प्राकृतिक रोग प्रतिरोधक क्षमता) तैयार हो जाती है। स्वस्थ्य हुए नागरिक का ब्लड लेकर उसमें से प्लाज्मा अलग किया जाता है। यह प्लाज्मा समांतर ब्लड ग्रुप के कोरोना मरीज के शरीर में खून की तरह चढ़ाया जाता है। इसके बाद मरीज की ठीक होने की रफ्तार बढ़ जाती है। यह फेफड़ों को भी जल्दी साफ करता है। एक मरीज को 200 मिली या विशेषज्ञों की सलाह अनुसार प्लाज्मा चढ़ाया जाता है।

 

कोरोना वीर दास बोलीं- ये हमारे लिए गर्व की बात है

कोरोना को हराकर घर पहुंची नर्स पल्लवी दास इस बात से खुश है कि उज्जैन में प्लाज्मा थैरेपी से इलाज होगा। वे बोलीं- मैं डोनेट करने के लिए तैयार हूं। मेरे प्लाज्मा से यदि किसी मरीज की जान बचती है तो इससे अच्छा और क्या होगा? ऐसा उन सभी स्वस्थ्य हुए कोरोना मरीजों को करना चाहिए, जो अब पूरी तरह स्वस्थ्य हैं। इसके लिए ब्लड डोनेट कर केवल कोरोना ही नहीं, डेंगू और खून संबंधी अन्य बीमारियों वाले मरीजों की जान बचाने में मदद करेंगे। ब्लड से प्लाज्मा के अलावा प्लेटलेट्स, लाल रक्त कणिकाएं, श्वेत रक्त कणिकाएं भी अलग कर दूसरे मरीज के खून में इनकी कमी को पूरा करने के लिए उपयोग कर सकते हैं। यानी एक बार ब्लड देने से अनेक तरह के मरीजों की मदद हो सकती है।

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