अब उज्जैन में ही बन सकेंगे पायलट:दताना-मताना हवाई पट्टी से 2021 अंत से होने लगेगी पायलट ट्रेनिंग

कोरोनाकाल में रोजगार के अवसर तलाश रहे युवाओं के लिए अच्छी खबर यह है कि अब उज्जैन में ही पायलट बनने लगेंगे। देवास रोड स्थित दताना-मताना हवाई पट्टी से फिर से पायलट ट्रेनिंग शुरू होने जा रही है। उम्मीद है कि वर्ष के अंत से पहली बैच की ट्रेनिंग शुरू कर दी जाए। ट्रेनिंग के लिए डीजीसीए (डायरेक्टर जनरल सिविल एविएशन नई दिल्ली) से बिहार की उन्नत नालंदा एविएशन प्रालि कंपनी का अनुबंध हुआ है। लिहाजा कंपनी ने ट्रेनिंग के लिए चेन्नई से दो हवाई जहाज (सेशना वन 7 टू आर फोर सीटर, अमेरिका के लेटेस्ट डिजिटल माॅडल) मंगवा लिए है। पांच और बुलवाए जा रहे हैं। इसके अलावा अन्य जरूरी सुविधाओं तथा तैयारियों पर भी कंपनी यहां करोड़ों रुपए खर्च कर चुकी हैं।

गौरतलब है कि इससे पहले यहां यश एयरवेज कंपनी ट्रेनिंग दिया करती थी। फिल्म अभिनेता सलमान खान के भाई सोहेल खान भी यहां ट्रेनिंग ले चुके हैं। 19 अगस्त 19 को बिहार की कंपनी को ट्रेनिंग के लिए टेंडर अवार्ड पारित हुआ था। चूंकि अधिकांश वक्त कोरोना काल में चले जाने से इस कंपनी द्वारा अब ट्रेनिंग के लिए तैयारियां की जा रही है।

यह काम करवाए जा चुके हैं

  • पार्किंग एरिया में 4 से बढ़ाकर 14 हजार स्क्वेयर फीट में ब्लॉक लगवा दिए गए हैं।
  • तीन से चार सर्व सुविधायुक्त ट्रेनिंग कक्ष तैयार किए गए है।
  • चीफ फ्लाइंग इंस्पेक्टर, एकाउंटेबल मैनेजर, फायर ब्रिगेड, एंबुलेस, अन्य सहयोगी स्टॉफ आदि के लिए कक्ष व आॅफिस बनाए गए हैं।
  • कंट्रोल टॉवर तैयार किया गया है।
  • फ्यूल स्टोरेज बिल्डिंग नई बनाई गई हैं।
  • इनके अलावा कई और कार्य यहां किए जा रहे हैं।

ट्रेनिंग से जुड़ी और आपके लिए काम की व जानने योग्य बातें

  • पायलट ट्रेनिंग का कोई सत्र नहीं होता है। बल्कि स्टूडेंट काे लाइसेंस तब मिलता है जब वह ट्रेनिंग के लिए तय घंटों तक उड़ान भर लेता है, जिसे फ्लाइंग हावर कहते हैं।
  • जो ट्रेनिंग दी जाएगी वह सीपीएल (कमर्शियल पायलेट लाइसेंस) के लिए रहेंगी। ये ट्रेनिंग 200 घंटे सिंगल इंजन पर और 15 घंटे डबल इंजन पर उडान के पूरा करने पर पूरी मानी जाती है। तभी लाइसेंस मिलता है। अनुमान है कि ये ट्रेनिंग एक से डेढ़ वर्ष में पूरी हो जाती है।
  • इसके अलावा यहां दो तरह की पायलेट ट्रेनिंग और भी दी जाएगी। इसमें 50 घंटे की ट्रेनिंग पीपीएल (पर्सनल पायलेट लाइसेंस) के लिए और 20 घंटे की ट्रेनिंग एसपीएल (स्टूडेंट पायलेट लाइसेंस) की ट्रेनिंग की भी सुविधा रहेगी। इस लाइसेंस का स्टूडेंट कई जगह उपयोग कर सकते हैं। उनके करियर में यह एक बड़ी उपलब्धी रहेगी जो उन्हें हमेशा दूसराें से आगे ही रखेगी।
  • ट्रेनिंग के लिए फिजिक्स, कैमेस्ट्री व मैथ्स में 12वीं उत्तीर्ण स्टूडेंट आवेदन कर सकेंगे। प्रशिक्षणार्थियों के लिए आवासीय सुविधा भी रहेगी। ट्रेनिंग के लिए उज्जैन-इंदौर सहित अन्य शहरों से स्टूडेंट पूछताछ करने आने भी लगे हैं।
  • कंपनी पहली बैच 25 से 30 स्टूडेंट की शुरू करने के प्रयास में है। ट्रेनिंग के नियम कहते हैं कि 10 स्टूडेंट पर एक पायलट व एक मास्टर पायलट होना चाहिए। ट्रेनिंग शुरू करने के लिए कम से कम तीन हवाई जहाज भी जरूरी है।
  • सबसे अहम और खास बात यह कि सीपीएल ट्रेनिंग में कितना खर्च आएगा? के जवाब में दावा किया गया कि अन्य शहरों की तुलना में यहां कम फीस ली जाएगी। आरक्षित स्टूडेंट को छात्रवृत्ति, शासन की तरफ से छूट व बैंक से लोन आदि की सुविधा भी रहेगी।
  • जो दो हवाई जहाज यहां मंगवाए गए हैं। अप्रूवल आते ही उन्हें अंसेबल किया जाएगा। ये ऐसे जहाज हैं जिनका इंजन बंद होने पर भी इन्हें ग्लेड करके आराम से नीचे उतारा जा सकता है। इससे दुर्घटना का अंदेशा नहीं रहता है। इन जहाज के अंसेबल के बाद इन्हें उड़ाने के लिए डीजीसीए के भोपाल-मुंबई व दिल्ली के दफ्तर से परमिशन आने पर फ्लाइंग शुरू की जाएगी। इस प्रक्रिया में तीन से चार महीने लग सकते हैं।

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