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अब निमोनिया से नहीं फूलेगा नौनिहालों का दम, दिमागी बुखार से बचेगी जान
उज्जैन | अब दिमागी बुखार और निमोनिया से नौनिहालों को जान नहीं गंवाना पड़ेगी। शिशु मृत्युदर के चलते प्रदेश शासन ने इसकी रोकथाम के लिए टीकाकरण करने का निर्णय लिया है। अगले महीने से इसके लिए नौनिहालों को पीसीवी टीका लगाया जाएगा।
८ अप्रैल विश्व स्वास्थ्य दिवस से नौनिहालों को न्यूमोकोकल कॉन्ज्यूगेट वैक्सीन दी जाएगी। इससे न्यूमोकोकस बैक्टिरिया द्वारा जनित बीमारियां जैसे निमोनिया, दिमागी बुखार, ओटाइटिस, साइनाइटिस आदि की रोकथाम की जाएगी। प्रदेश में निमोनिया और दिमागी बुखार से ५ वर्ष से कम उम्र के बच्चों की संख्या उत्तरप्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश के बाद सर्वाधिक हैं, जिसके चलते इस टीके का नियमित टीकाकरण में शामिल करने का निर्णय लिया गया है। डेढ़ माह, ३.५ माह और ९ माह के बच्चों को टीका लगाया जाएगा।
8 जानलेवा बीमारियों के टीके उपलब्ध
वर्तमान में नवजात से ५ वर्ष की आयु तक नौनिहालों को ८ जानलेवा बीमारियों के टीके लगाए जा रहे हैं। इनमें बीसीजी, पोलियो, खसरा, काली खांसी, रोटावायरस, टिटनेस, हिमोफिलस इंफ्लूएंजा प्लस और हेपेटाइटिस बी की रोकथाम की जाती है। पीसीवी टीका महंगा होने से निजी अस्पतालों में लगाया जाता है। जिसे अब शासकीय अस्पतालों में लगाया जाएगा।
निमोनिया से सर्वाधिक मौतें
निमोनिया ५ वर्ष तक के बच्चों की मौत का सबसे बड़ा का कारण है। विश्व में २०१५ में इसकी वजह से १० लाख मासूमों की जान गई। देश में शिशु मृत्यु दर में एक तिहाई हिस्सा निमोनिया की वजह से मरने वाले शिशुओं का है। प्रदेश में भी निमोनिया की वजह से सबसे ज्यादा नौनिहाल जान गवां बैठते हैं, जिसके चलते विश्व स्वास्थ्य संगठन की मदद से इस टीके का प्रदेश में ८ अप्रैल से आरंभ किया जा रहा है।
अगले माह शुरुआत
विश्व स्वास्थ्य दिवस पर पीसीवी टीके की शुरुआत की जाएगी। इस दिन तक जो शिशुओं डेढ़ महीने के होंगे उन्हें टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके बाद नियमित रूप से टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
डॉ. केसी परमार, जिला टीकाकरण अधिकारी