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अभा कालिदास समारोह:विक्रमादित्य ने दिग्विजय यात्रा की थी, रघुवंशम् में इसके संकेत
विक्रमादित्य ने दिग्विजय यात्रा की थी। महाकवि कालिदास ने अपने ग्रंथ रघुवंशम में इसके संकेत दिए हैं। अभा कालिदास समारोह में कालिदास साहित्य में मानवीय मूल्य शीर्षक पर राष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे सत्र में विद्वानों ने यह बात कही। अध्यक्ष महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान उज्जैन के सचिव डॉ. विरुपाक्ष जड्डीपाल थे। अतिथि पद्मश्री अभिराज डॉ. राजेंद्र मिश्र शिमला थे।
डॉ. जड्डीपाल ने कहा कि कालिदास जैसा कवि न हुआ है और न कभी होगा। उनका स्मरण करके हम सब धन्य हो जाते हैं। पद्मश्री अभिराज डॉ. मिश्र ने कहा कि विक्रमादित्य एवं कालिदास हमारे संस्कृति पुरुष हैं। विक्रमादित्य ने दिग्विजय यात्रा की थी जिसका संकेत महाकवि कालिदास रघुवंशम् में करते हैं।
कालिदास ने लोक के लिए कविताएं लिखीं। प्रयागराज की डॉ. मीनाक्षी जोशी ने कहा कि सभी ने अपनी मेधानुरूप कालिदास का स्मरण किया है। डॉ. रेवा कुलकर्णी सोलापुर, डॉ. उपेंद्र भार्गव उज्जैन, डॉ. शुभम शर्मा उज्जैन ने शोध-पत्र पढ़े। संचालन डॉ. रमेश शुक्ल ने किया तथा स्वागत एवं आभार प्रदर्शन डॉ. संतोष पंड्या ने किया।
सम्राट विक्रमादित्य का मंचन
अभा कालिदास समारोह की दूसरी सांस्कृतिक संध्या पर बुधवार रात हिंदी नाटक सम्राट विक्रमादित्य का मंचन किया गया। विशाला सांस्कृतिक एवं लोकहित समिति उज्जैन के इस महानाट्य का निर्देशन संजीव मालवीय ने किया। समारोह के लिए समिति ने इस महानाट्य काे संक्षिप्त में प्रस्तुत किया। कलाकारों ने अपने अभिनय से विक्रमादित्य की कथा को मंच पर संजीव किया।
समारोह में आज होगा संस्कृतकविसमवाय
समारोह में गुरुवार सुबह 10 बजे संस्कृतकविसमवायः होगा। इस अवसर पर देशभर के कवि संस्कृत कविताओं का पाठ करेंगे। शोध संगोष्ठी का तीसरा सत्र होगा। विक्रम कालिदास पुरस्कार चयनित शोध-पत्रों का वाचन होगा। शाम 5 बजे महाकवि कालिदास व्याख्यानमाला में राष्ट्रीयता एवं सुशासन-कालिदास के संदर्भ में विषय पर डॉ. राजेंद्र मिश्र व्याख्यान देंगे। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में लोकनाट्य माच ‘महाकवि कालिदास’ की प्रस्तुति मालव लोककला केंद्र द्वारा दी जाएगी। दूसरी प्रस्तुति शास्त्रीय नृत्य कथक की होगी।
शोध संगोष्ठी – दूसरे सत्र में विद्वानों व छात्रों ने शोध-पत्र प्रस्तुत किए
कालिदास समिति, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन द्वारा समारोह के अन्तर्गत आयोजित शोध-संगोष्ठी के दूसरे सत्र में विद्वानों, शोध छात्रों ने शोध-पत्र प्रस्तुत किए। सत्र की अध्यक्षता डॉ. विजयकुमार मेनन, कुलपति महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विवि ने की।
डॉ. धीरेंद्र सोलंकी, अध्यक्ष प्राचीन इतिहास विभाग एवं पुरातत्व संग्रहालय के निदेशक डॉ. रमण सोलंकी भी मंच पर उपस्थित थे। इसी संध्या पं. सूर्यनारायण व्यास व्याख्यानमाला में डॉ. इला घोष ने लोकतंत्र के प्रति कालिदास का संदेश पर व्याख्यान दिया। अध्यक्षता प्रो. अखिलेशकुमार पांडेय ने की।