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अयोध्या से प्रारंभ हुई राम राज्य यात्रा उज्जैन पहुंची, भव्य स्वागत हुआ
उज्जैन | श्री रामदास मिशन यूनिवर्सल सोसायटी द्वारा आयोजित राम राज्य रथ यात्रा मंगलवार को उज्जैन पहुंची। यात्रा में संतों के साथ श्रीराम रथ में विराजमान श्रीरामजानकी, हनुमानजी के दर्शन होंगे, साथ ही नंदीग्राम से लाए गए श्रीराम पादुका, श्रीलंका से लाया गया सीताचूड़ामणि, रामेश्वरम से लाया गया ध्वज और मुकाम्बिका देवी मंदिर कर्नाटक से लाई गई। अखंड ज्योति के भी दर्शन हुए। देवास से नागझिरी होते हुए रथ यात्रा आज शाम 4 बजे शहीद पार्क पहुंची, जहां यात्रा की अगवानी और संतों का सम्मान विहिपए बजरंग दल एवं अन्य हिंदू संगठनों के द्वारा किया गया।
विहिप एवं बजरंग दल जिलाध्यक्ष अशोक जैन चायवाला के अनुसार 13 फरवरी महाशिवरात्रि को अयोध्या से प्रारंभ हुई राम राज्य यात्रा 25 मार्च रामनवमी पर रामेश्वर पहुंचेगी। यात्रा का मुख्य उद्देश्य राम राज्य की पुन: स्थापना, शैक्षणिक पाठ्यक्रम में रामायण शामिल करना, राम जन्मभूमि में श्री राम मंदिर का निर्माण, राष्ट्रीय साप्ताहिक अवकाश के रूप में रविवार की बजाय गुरूवार घोषित करना तथा विश्व हिंदू दिवस घोषित करना प्रमुख हैं। स्वामी कृष्णानंद सरस्वती के सानिध्य तथा स्वामी परागबुवा रामदासी तथा शक्ति शांतानंद महर्षि के नेतृत्व में निकल रही यह यात्रा मंगलवार को उज्जैन पहुंची।
शहीद पार्क पर आयोजित स्वागत कार्यक्रम में शक्ति शांतानंद महर्षि ने कहा कि अयोध्या में जब तक राम मंदिा का निर्माण नहीं हो जाता वे लड़ते रहेंगे। त्रेतायुग में भगवान राम को १४ वर्षों का वनवास हुआ था, अब हम भगवान राम को १४ माह के वनवास पर लेकर जा रहे हैं। १४ माह बाद जब रामलला अयोध्या पहुंचेंगे तो वहां भगवान राम का पटाभिषेक किया जाएगा और यह पटाभिषेक राम मंदिर में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वे किसी सरकार के विरोधी नहीं है उनकी मांग सिर्फ राम मंदिर निर्माण है। उनके साथ स्वामी परागबुवा रामदासी महाराज, स्वामी अवधेशपुरी महाराज, नंदकिशोर उपाध्याय प्रांत मंत्री ने भी अपनी बात रखी।
शहीद पार्क से राम राज्य रथ यात्रा चामुंडा, देवासगेट, मालीपुरा, दौलतगंज, नईसड़क, सराफाख् गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, हरिफाटक ओवरब्रिज होते हुए मित्तल एवेन्यू पहुंचेगी, जहां यात्रा का समापन होगा। समापन पर धर्मसभा को विश्व हिन्दू परिषद् के प्रान्त मंत्री नन्दकिशोर उपाध्याय सभा को संबोधित किया। यात्रा का रात्रि विश्राम त्रिवेणी स्थित स्वामी नारायण आश्रम पर होगा।