इस गर्मी और करना पड़ सकता है इंतजार, नहीं बनता दिख रहा स्वीमिंग पूल

उज्जैन | नजरअली मिल परिसर में बनने वाले स्वीमिंग पूल का टेंडर नगर निगम ने निरस्त कर दिया। पहले आमंत्रण में सिंगल निविदा आने से निगम के तकनीकी अमले ने इसे स्वीकृति ना देते हुए पुन: निविदा आमंत्रित करने की सिफारिश की। इसी पर निगमायुक्त ने दोबारा टेंडर जारी कराया। डेढ़ दशक से पुराने शहर को स्वीमिंग पूल का इंतजार है। नए टेंडर की प्रक्रिया डेढ़ से दो माह ओर लगेंगे। इसके बाद काम शुरू हो पाएगा।

५.५० करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले आधुनिक स्वीमिंग पूल, योग व स्पोट्र्स सेंटर को लेकर निगम भवन के पीछे नजरअली मिल परिसर की अविवादित भूमि तय हुई थी। इसी बीच निगम अब पूरी जमीन का केस हाईकोर्ट से जीत गया। लिहाज अब स्वीमिंग पूल नान कमर्शियल लोकेशन की जगह बनाया जाएगा। नए टेंडर में साइट लोकेशन में भी बदलाव किया गया है। पिछले विधानसभा चुनाव में सीएम घोषणा वाला ये प्रोजेक्ट चुनावी साल में पूरा करना भाजपा बोर्ड के लिए चुनौती है। मालूम हो कि जो कंपनी इसे निर्मित करेगी उसे ही पूल का १० साल का मेंटेनेंस भी करना है।

मंत्री हर बार देते हैं भरोसा, अब आखिरी मौका
पिछले तीन-चार चुनाव से पुराने शहर में स्वीमिंग पूल को लेकर प्रत्याशी के रूप में मंत्री पारस जैन उत्तर क्षेत्र की जनता को ये भरोसा देते आ रहे हैं। अब जब प्रोजेक्ट मंजूर हुआ तो डिजाइनिंग, टेंडर प्रक्रिया व स्थल परिवर्तन में समस खींच रहा है। सालों तक पूल इंदिरा नगर क्षेत्र में बनना प्रस्तावित था, लेकिन हाउसिंग बोर्ड की जमीन संबंधी उलझन में इस पर काम नहीं हो सका, लेकिन इस चुनाव से पहले मंत्री के सामने ये प्रोजेक्ट को धरातल पर लाने का आखिरी मौका है।
सिंगल निविदा आने से स्वीमिंग पूल का टेंडर निरस्त कर रिकॉल किया है। प्रक्रिया पूर्ण होते ही इसका काम शुरू कराएंगे।
डॉ. विजय कुमार जे., निगमायुक्त

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