उज्जैन:यह समस्या एक दो वर्ष की नहीं, बल्कि वर्षों पुरानी है…

 

शाम ढलते ही शहर के चौराहों पर लग जाता है जाम

पुलिस जवान भी संभाल नहीं पाते यातायात व्यवस्था, वर्षों से यही हाल-नहीं कोई समाधान

उज्जैन।पुराने शहर के कुछ चौराहे ऐसे हैं जहां आम दिन हों या त्योहारी सीजन में शाम ढलते ही वाहनों का इतना आवागमन होता है कि कुछ ही मिनटों में जाम की स्थिति निर्मित हो जाती है। खास बात यह कि यहां ड्यूटी पर तैनात यातायात पुलिस के जवानों से भी व्यवस्था नहीं संभलती और लोगों को परेशान होना पड़ता हैं। यह समस्या एक दो वर्ष नहीं बल्कि वर्षों पुरानी है, जिसका समाधान अब तक कोई अफसर नहीं निकाल पाया है।

खजूरवाली मस्जिद से केडी गेट मार्ग: खजूरवाली मस्जिद से केडी गेट तक मार्ग की चौड़ाई पहले से कम है। ऐसे में यहां से भार्गव चौराहा से सब्जी मंडी और केडी गेट चौराहे पर नयापुरा, कमरी मार्ग व बड़े पुल का रास्ता निकलता है। इस कारण दो पहिया वाहनों से लेकर चार पहिया और लोक परिवहन वाहनों का बड़ी संख्या में दिनभर आवागमन होता है।

यदि एक कार या आटो इस मार्ग पर आ जाये तो दूसरे वाहन का निकलना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा लोडिंग वाहन और हाथ ठेला, ट्रैक्टर ट्राली का भी इस मार्ग से आवागमन होता है। कमरी मार्ग चौड़ीकरण के दौरान केडी गेट चौराहे का चौड़ीकरण तो हुआ, लेकिन खजूरवाली मस्जिद से लेकर केडी गेट तक मार्ग का चौडीकरण नहीं होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड
रहा है।

तेलीवाड़ा चौराहा...इस चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस के एक जवान की ड्यूटी प्रतिदिन लगाई जाती है। दिन में कम परेशानियों के बीच यातायात सुगमता से चलता है, लेकिन शाम होते ही वाहनों की संख्या इतनी हो जाती है कि उन्हें चौराहे से गुजारना एक पुलिस जवान के बस की बात नहीं होती। इस चौराहे पर मिर्जा नईमबेग मार्ग, बियाबानी की ओर व कंठाल की ओर जाने वाला मार्ग मिलता है। चारों ओर से आने वाले वाहन चालकों को शाम के समय चौराहा पार करने में 5 से 10 मिनट का समय लगता है। खास बात यह कि इस चौराहे से किसी भी प्रकार के वाहन के आवागमन पर प्रतिबंध नहीं है।

कमरी मार्ग चौराहा…गोपाल मंदिर, ढाबारोड, केडीगेट और मावा बाजार की ओर से आने वाला ट्रैफिक इसी चौराहे पर मिलता है। मुख्य बाजार में चौराहा होने के कारण हर व्यक्ति अपने निजी वाहन, मोपेड, बाइक, कार आदि से यहां तक पहुंचते हैं इनके अलावा इस मार्ग से मैजिक, आटो और लोडिंग वाहनों का सुबह से रात तक आवागमन होता है। अधिकांश लोग शाम के समय बाजार में खरीददारी करने निकलते हैं ऐसे में इस चौराहे पर सबसे अधिक अव्यवस्था और जाम की स्थिति उत्पन्न होती है। यातायात पुलिस के अलावा इस चौराहे पर खाराकुआं थाने के जवान भी ड्यूटी करते हैं।

कंठाल चौराहा…इस चौराहे से नई सड़क, तेलीवाड़ा, सतीगेट और कोतवाली थाने की ओर लोग आवागमन करते हैं। पुराने शहर के मुख्य इलेक्ट्रानिक बाजार से जुडने वाले इस चौराहे से ही लोग सतीगेट और छत्रीचौक की तरफ खरीदी करने दुकानों पर जाते हैं इस कारण शाम के समय कंठाल चौराहे पर यातायात का अत्यधिक दबाव रहता है। पूर्व में यातायात पुलिस द्वारा कंठाल से सतीगेट की ओर जाने वाले मार्ग को एकांगी मार्ग घोषित किया गया था, लेकिन इसका पालन आज तक नहीं हो पाया है। लोग बेरिकेड्स हटाकर अपने वाहनों से इस मार्ग पर आवागमन करते हैं जिन्हें यहां खड़े पुलिसकर्मी भी नहीं रोक पाते।

इनका कहना

पुराने शहर के मुख्य चौराहे और मार्ग सकरे हैं जबकि समय के साथ शहर में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ी है। अधिकांश लोग अपने निजी वाहनों से ही बाजार में आवागमन करते हैं ऐसे में वाहनों को नियंत्रित करना और जाम की स्थिति से निपटने के लिये टैफिक जवानों की ड्यूटी लगाई जाती है बावजूद इसके यातायात का दबाव अधिक होने के कारण कुछ परेशानियां उत्पन्न हो रही हैं जिनको लेकर वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा का निराकरण करने के प्रयास करेंगे। एच.एन. बाथम, डीएसपी ट्रैफिक

यातायात को ठीक करने के प्रयास

ऐसी व्यवस्था करें, किसी को असुविधा नहीं हो…

उज्जैन। पुलिस शहर की यातायात व्यवस्था, पार्किंग को ठीक करने की दिशा में काम कर रही है। इसके लिए व्यापारी संगठनों से चर्चा करने के साथ ही अलग-अलग एंगल कर काम भी कर रही है। फ्रीगंज क्षेत्र में त्योहार के दौरान ट्रैफिक सिस्टम क्या हो, इस पर व्यापारियों से चर्चा की। ट्रैफिक सिस्टम को लेकर अधिकांश का कहना है कि प्रशासन-पुलिस ऐसी व्यवस्था करें, किसी को असुविधा नहीं हो।

बता दें कि पुलिस द्वारा नगर निगम के साथ मिलकर फ्रीगंज में यातायात सुधार के लिए अस्थायी अतिक्रमण को हटाने के साथ सड़कों के दोनों छोर पर वाहन खड़े करने और सड़क पर बैठकर व्यवसाय करने वालों के लिए सफेद पेंट से लाइन खींची गई है। इस लाइन से बाहर कुछ भी मिला तो यातायात पुलिस और नगर निगम का अमला संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करेंगा। बहरहाल पुलिस ने बताया कि शहीद पार्क पर फोर व्हीलर प्रतिबंधित किए जाएंगे। सड़क पर सफेद लाइन खिंचवा वाहन रखने की सीमा तय होगी। इसके बाहर गाडिय़ां खड़ी न हो यह व्यापारियों की जिम्मेदारी है। कारों की अस्थायी पार्किंग दशहरा मैदान पर की जाएगी।

यह कहना है व्यापारियों का

सफेद लाइन के बाहर गाडिय़ां खड़ी नहीं हो इसमें सहयोग करने में कोई दिक्कत नहीं है,पर यदि कोई लाइन के बाहर खड़ी गाड़ी को पुलिस की क्रेन टांगकर ले जाए।

पुलिस का कहना है कि सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं पर नजर रखने के लिए दुकानों के बाहर भी सीसीटीवी कैमरे लगवाएं। इसके लिए हम तैयार है,पर प्रशासन-पुलिस हमारी समस्याओं पर भी ध्यान दें।

फ्रीगंज में हमेशा ही पार्किंग और दुकानों के सामने ठेले-गुमटी रहते है। खासकर त्योहार के दौरान ठेलों की संख्या बहुत ही अधिक रहती है। ठेले-गुमटियों की जगह तय हो।

फ्रीगंज में जितने भी ठेले, गुमटी वाले है उनकी और फुटपाथ पर बैठने वालों की जगह प्रशासन को तय करना चाहिए,ताकि त्योहार के दौरान परेशानियां नहीं हो और सभी लोग अपना धन्धा कर सकें।

वाहनों की पार्किंग ऐसे जगह रहे,जो अधिक देर नहीं हो। जहां आवागमन ज्यादा नहीं हो। फ्रीगंज में प्रत्येक मार्ग पर कट चौक की सुविधा है। कट चौक के लिए अच्छी खासी जगह है। इनका उपयोग पार्किंग के लिए हो सकता है।

फुटपाथ पर बैठने और ठेले वाले दस-बीस रुपए की रसीद कटवाते हैं। व्यापारी पूरे साल टैक्स देते है। फिर भी फुटपाथ और ठेले वालों मनमर्जी चलती है। त्योहार के दिनों में पुलिस प्रशासन ऐसी व्यवस्था करें कि किसी को असुविधा नहीं हो।

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