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उज्जैन:वीआईपी कैसे करें सवारी दर्शन, प्रशासन पर दबाव
उज्जैन:महाकाल सवारी मार्ग परिवर्तित करने के लिए प्रशासन को जितनी मशक्कत नहीं करना पड़ी, उससे अधिक मशक्कत इस बात के लिए करना पड़ रही है कि सवारी के चलते कोटितीर्थ के समीप, मंदिर परिसर में, मंदिर के बाहर, सवारी मार्ग पर, रामघाट और दत्त अखाड़ा घाट, राणोजी की छत्री पर किन-किनकों खड़े रहने की अनुमति दी जाए?
सूत्रों के अनुसार शनिवार दोपहर से जिला प्रशासन के अधिकारियों के पास फोन आ रहे हैं कि सवारी के क्या इंतजाम किए हैं? क्या दर्शन के लिए विशेष व्यवस्था की है? यदि की गई हो तो हमें भी मौका देना। जिला प्रशासन ने सवारी मार्ग को बैरिकेटिंग करके दो हिस्सों में बांटा है। एक हिस्सा ग्रीन झोन है, जिसमें केवल सवारी रहेगी। समान्तर बनाए कॉरिडोर में व्यवस्था में लगे अधिकारी-कर्मचारी एक छोर से दूसरे छोर तक आएंगे-जाएंगे। इनके बीच में जहां भी अधिक जगह है, वहां पर प्लेटफार्म बनाए हैं। यही स्थिति महाकाल मंदिर के बाहर, राणोजी की छत्री, रामघाट एवं दत्त अखाड़ा घाट की है। सूत्रों का दावा है कि पुलिस एवं प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों, उनके परिवारों की ओर से जहां सवारी के लाइव दर्शन के लिए दबाव है। वहीं अनेक राजनेताओं, जिनमें इंदौर-भोपाल- दिल्ली के भी शामिल है, का भी दबाव है कि कुछ जगहों को चिह्नांकित किया जाए, ताकि खड़े रहकर दर्शन कर लें। इससे प्रशासन असमंजस में है।
यह आया है सुझाव
भोपाल से एक आला अधिकारी से जब जिला प्रशासन ने चर्चा की तो यह बात सामने आई कि सवारी मार्ग पर किसी को प्रवेश न दिया जाए। ग्रीन कॅरिडोर के अलावा जो समान्तर गलियारा बनाया जा रहा है,उसे केवल आपातकालीन व्यवस्था के लिए रखा जाए। संभव हो तो मीडिया के लिए पाइंट बनाएं, चलायमान न रखें। सूत्रों के अनुसार बढ़ते दबाव के चलते प्रशासन शाम तक कोई सख्त निर्णय लेगा, ताकि किसी को भी प्रवेश न मिले। प्रशासन का मानना है कि यदि भाई-भतीजावाद हुआ तो सोशल मीडिया पर जमकर किरकिरी होगी।
सावन में महाकाल दर्शन के लिए आने लगे श्रद्धालु
मंदिर के आसपास होटल, लॉज, धर्मशालाओं में यात्रियों को ठहराने पर प्रतिबंध
सोमवार से श्रावण प्रारंभ हो रहा है और भगवान महाकालेश्वर की प्रथम सवारी भी निकलेगी। प्रशासन द्वारा नये मार्ग से सवारी निकालने और आमजन को सवारी में शामिल होने पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है। इस कारण श्रावण मास में महाकाल दर्शन के लिये आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।शैलेष कुमार और मनीष शर्मा अपने 2 अन्य साथियों के साथ उड़ीसा से प्रतिवर्ष सावन माह में भगवान महाकाल के दर्शनों को उज्जैन आते हैं।
इस वर्ष भी उक्त लोग उज्जैन पहुंचे और आसपास होटलों में कमरे की तलाश की लेकिन उन्हें होटल संचालकों ने पुलिस द्वारा प्रतिबंध लगाने की जानकारी दी गई तो वे लोग महाकाल थाने में परमिशन के लिये पहुंच गये। पुलिस का कहना था कि सोमवार को महाकाल की सवारी निकलना है और सवारी मार्ग पर आने वाले होटल, लॉज, धर्मशाला में यात्रियों को ठहराने पर प्रतिबंध है।