एक कैमरा चौराहा, दूसरा गाड़ी की नंबर प्लेट को फोकस करेगा

भरतपुरी तिराहे पर गुरुवार दोपहर 2.34 बजे सीएनजी ऑटो रुका। चालक ने जेब्रा क्रासिंग के आगे गाड़ी खड़ी की। स्मार्ट सिटी के कंट्रोल-कमांड सेंटर में कैमरों ने दिखाया चौराहे पर कितने वाहन हैं। उनमें से किसने नियम का उल्लंघन किया है। ऑटो जेब्रा क्रासिंग के आगे निकल गया, इसलिए दूसरे कैमरे ने उनकी नंबर प्लेट पढ़ ली। अब यातायात विभाग के पास यह जानकारी है कि ऑटो ने नियम तोड़ा है, इसके फोटो भी हैं और नंबर की जानकारी भी। यातायात विभाग, ऑटो मालिक को सीधे घर पर चालान भेज सकता है। शहर में ट्रैफिक नियमों का पालन कराने के लिए इस तरह की आधुनिक व्यवस्था लागू होने जा रही है। स्मार्ट सिटी कंपनी ने यह प्रोजेक्ट लागू किया है। इसके तहत 16 चौराहों पर चार तरह के कैमरे लगाए जा रहे हैं। भरतपुरी, इंजीनियरिंग कॉलेज-इंदौर रोड, महामृत्युंजय द्वार चौराहा पर कैमरे लग गए हैं। उन्हें स्मार्ट सिटी के सिंहस्थ मेला कार्यालय में बनाए कमांड-कंट्रोल सेंटर से गुरुवार को जोड़ा।

 

ई-चालान भेजने की व्यवस्था भी की जाएगी
कैमरे बताएंगे चौराहे पर रेड सिग्नल होने पर किस तरफ कितने वाहन हैं। किस तरफ की लाइट कितनी देर हरी करना है। रेड लाइट का उल्लंघन किन वाहनों ने किया है। इसका प्रयोग भी गुरुवार को किया गया। कैमरों से चौराहों की निगरानी की यह व्यवस्था एक महीने में सभी 16 चौराहों पर हो जाने की उम्मीद है। इसके बाद नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन मालिकों को ई-चालान भेजने की व्यवस्था भी 15 दिन में कर ली जाएगी।

चौराहे पर भास्कर ने सीएनजी ऑटो रुकवाया। कंट्रोल रूम में एलईडी स्क्रीन पर पूरा चौराहा दिखा। इनसेट ऑटो की नंबर प्लेट दिखाता दूसरा कैमरा।

 

कंट्रोल रूम से बंद-चालू होंगे सिग्नल्स
एजेंसी के एमडी गिरिश खत्री बताते हैं- कैमरे लगाने के साथ यहां नई बत्तियां भी लगाई जाएंगी, जो 50 फीसदी बिजली की बचत भी करेंगी। इनकी यह भी खासियत होगी कि चौराहे पर उजाले के अनुसार इनकी चमक कम-ज्यादा होगी। यानी धूप में कम और कम रोशनी या रात में ज्यादा। इनका संचालन कंट्रोल में रूम में बैठे ट्रैफिक कर्मचारी करेंगे। जिस तरफ ज्यादा वाहन वहां की हरी बत्ती ज्यादा देर जलेगी। जिधर कम वाहन है वहां की बत्ती कम समय हरी रहेगी। कंट्रोल रूम में ट्रैफिक व कंपनी के दो-दो कर्मचारी तैनात रहेंगे जो हर चौराहे की एलईडी पर आ रही तस्वीरों को देखते रहेंगे। चौराहों पर पीएएस (पब्लिक एड्रेस सिस्टम) की भी लगेगा। कंट्रोल रूम में बैठे जवान चौराहे पर खड़े वाहन चालकों को निर्देश भी दे सकेंगे।

 

चोरी के वाहन व जाली नंबर प्लेट की पहचान
सिस्टम में पुलिस की चोरी हुए वाहनों की सूची डाली जाएगी। जैसे ही चोरी गया वाहन चौराहे पर िनकलेगा, कैमरा पहचान कर कंट्रोल रूम को सूचना देगा। उसकी लोकेशन भी बताएगा। यदि कार पर स्कूटर के नंबर हैं या ऐसे नंबर है जो दूसरे किसी अन्य वाहन पर भी हैं तो कैमरा उन्हें पहचान लेगा और कंट्रोल रूम को बताएगा। पुलिस को यदि किसी संदिग्ध या अपराधी की तलाश है तो उनके फोटो सिस्टम में डालेंगे। जैसे ही उक्त संदिग्ध या अपराधी चौराहे पर गुजरेगा, कैमरा कंट्रोल रूम को जानकारी देगा। यदि किसी वाहन का रंग बदला गया है तो आरटीओ में दर्ज रिकार्ड के अनुसार कैमरा वाहन को पहचान लेगा। इसकी सूचना भी कंट्रोल रूम को देगा। इससे एक तरफ जहां ट्रैफिक नियमों के पालन में मदद मिलेगी, वहीं अपराधियों को भी पकड़ा जा सकेगा।

 

शहर के चौराहों पर लगेगा प्रदेश का पहला इमरजेंसी कॉल बॉक्स सिस्टम
प्रदेश का पहला इमरजेंसी कॉल बॉक्स सिस्टम शहर के चौराहों पर लगेगा। नागरिक आपात स्थिति में चौराहे पर लगे इमरजेंसी कॉल बॉक्स का बटन दबा कर सीधे कंट्रोल रूम से बात की जा सकेगी। कंट्रोल रूम उक्त नागरिक की मदद के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को सूचना देगा। इससे पीड़ित या दुर्घटना के शिकार व्यक्ति को तुरंत मदद का इंतजाम हो सकेगा। यह सिस्टम इंटरकॉम की तरह काम करेगा। प्रदेश में यह व्यवस्था केवल उज्जैन स्मार्ट सिटी करने जा रही है। यह सिस्टम शहर के प्रमुख चौराहों पर लगाया जाएगा ताकि लोगों को जानकारी रहे। इसके अलावा शहर में 40 स्थानों पर एलईडी सूचना बोर्ड लगाए जा रहे हैं। यह बोर्ड कंट्रोल रूम से जुड़े रहेंगे। इन पर उक्त मार्गों की जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा प्रशासन और पुलिस के साथ नगर निगम के अधिकारी नागरिकों या वाहन चालकों को जरूरी सूचनाएं दे सकेंगे।

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