ऐसे करते हैं रोजाना भस्मारती के नाम पर हजारों रुपए की कमाई…

उज्जैन। महाकाल मंदिर में भस्मारती में गलत अनुमति के आधार पर श्रद्धालुओं को प्रवेश कराते हुए एसडीएम ने जिस मयंक अग्रवाल को महाकाल पुलिस के सुपुर्द किया है उक्त युवक ने सात अनुमति पत्र श्रद्धालुओं को प्रदान किए थे।जिसमें से दो संदिग्ध निकले एसडीएम ने अनुमति पत्र देखे तो प्रथम पर गणेशजी उम्र 32 वर्ष तथा यह अनुमति बनवाने वाले पं. सुरेंद्र चतुर्वेदी का नाम लिखा है तथा दूसरी अनुमति पर सुमित उम्र 38 वर्ष तथा अनुमति बनवाने वाले का नाम पंडित कौशल व्यास लिखा है जबकि इस अनुमति के आधार पर इंदौर के राहुल चौहान तथा रोहित मंडलोई प्रवेश कर रहे थे।

दोनों को भस्मारती में प्रवेश करने से रोका गया और पूछताछ की गई। प्रशासन को संदेह है कि एक दिन पूर्व यह अनुमति किसी ओर नाम से बनती है तथा प्रवेश के समय किसी अन्य श्रद्धालुओं को मनमाने रुपए लेकर बेच दी जाती है।

पण्डे पुरोहितों से जुड़ा है मामला
भस्मारती अनुमति को लेकर पिछले दिनों भी पंडे पुरोहितों या उनके प्रतिनिधियों के नाम चर्चा में रहे हैं। यह जो मामला सामने आया है उसमें भी मंदिर के पुरोहित सुरेंद्र चतुर्वेदी का नाम है तथा मयंक अग्रवाल को सुरेंद्र चतुर्वेदी के पुत्र विपुल चतुर्वेदी ने ही प्रदान किये थे वहीं दूसरी अनुमति पर कौशल व्यास का नाम अंकित है।

मैं क्या करूं, मुझे तो यजमान को अनुमति पत्र देने को कहा था

जो मयंक अग्रवाल अनुमति के एवज में 1100-1100 रुपये देने को श्रद्धालुओं को कह रहा था उसका कहना है कि अनुमति पत्र लेकर रात को विपुल चतुर्वेदी दुकान पर आये थे तथा कहा था कि सुबह यजमान आएंगे उन्हें मेरा नाम बताने पर उक्त अनुमति पत्र दे देना। मैंने 7 अनुमति पत्र दिये थे। मेरी दुकान से यजमानों ने धोती, लोटा लिये थे जिसके एवज में मैंने 1100 रुपये की मांग की थी। जो युवक रुपये देने का आरोप लगा रहे हैं वह तो दुकान पर अनुमति लेने आये ही नहीं थे।

महाकाल मंदिर के बाहर भस्म आरती अनुमति बनवाने के नाम पर रुपयों की वसूली होती है और फूल विक्रेता ने हमसे 5 लोगों की अनुमति बनवाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति के 1000 रुपए की बात कही। हमने पूछताछ की तो उसने कहा कि फूल दुकान वाला कालू अनुमति बनवा देगा। इसी प्रकार इंदौर के 2 श्रद्धालु गलत नाम से बनी अनुमति के आधार पर मंदिर में प्रवेश कर रहे थे, जिन्हें पकड़ा गया है। इस मामले में दुकान वाले मयंक अग्रवाल को भी पुलिस के सुपुर्द किया गया है। इनसे पूछताछ की जा रही है कि कौन-कौन इस धंधे में संलिप्त है।
अनिल बनवारिया एसडीएम

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