कर्मचारी बोले- सरकार की नीतियों से बिजली बिल भरने की हालत में भी नहीं है बीएसएनएल

बीएसएनएल कर्मचारियों ने एक अक्टूबर को स्थापना दिवस के बदले विरोध दिवस मनाया। साथ ही देवासगेट स्थित बीएसएनएल कार्यालय के बाहर प्रदर्शन भी किया। मंगलवार को देवासगेट स्थित महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष दोपहर 1.30 बजे होने वाले प्रदर्शन कर नारेबाजी की।

प्रदर्शन में मनोज शर्मा, पीके शुक्ला, सुरेंद्र ठाकुर, डीके पांडे, आरके साहू, आरएस बेल्गोत्रा, राजेंद्र कुशवाह, केसी धवन, संजय शर्मा, महेश पांडेय, धर्मेंद्रसिंह चौहान, एसपी बिलावल सहित 100 से अधिक अधिकारी और कर्मचारी शामिल थे। उन्होंने बताया 1 अक्टूबर को बीएसएनएल का स्थापना दिवस है। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कर्मचारियों को स्थापना दिवस विरोध दिवस के रूप में मनाने के लिए बाध्य किया गया। सत्ता में बैठे लोगों के बीएसएनएल विरोधी रवैये की वजह से कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा है। कंपनी इलेक्ट्रीसिटी बिल तक का भुगतान करने की स्थिति में नहीं है। कॉन्ट्रेक्ट वर्कर्स को 8 माह से वेजेस का भुगतान नहीं हुआ है। कंपनी के राजस्व में तीव्रता के साथ गिरावट आ रही है। कई महीनों से बीएसएनल को 4जी स्पेक्ट्रम का आवंटन और बीएसएनएल के रिवाइवल के संबंध में काफी कुछ कहा तो जा रहा है लेकिन हुआ कुछ भी नही है। परिणाम स्वरूप बीएसएनएल के हालात तेजी से बदतर होते जा रहे हैं।

बीएसएनएल कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करते अफसर-कर्मचारी।

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