कालिदास समारोह:रामघाट पर कलश पूजन, महाकाल को प्रणाम कर निकाली कलश यात्रा

15 नवंबर से शुरू हो रहे अखिल भारतीय कालिदास समारोह के एक दिन पहले रविवार को परम्परागत कलश यात्रा निकाली गई। शिप्रा नदी के किनारे रामघाट पर कलशपूजन किया गया। कोरोना गाइडलाइन के चलते कलश यात्रा का मार्ग छोटा ही रखा गया था।

कालिदास समारोह के पहले निकलने वाली कलश यात्रा पिछले साल नहीं निकाली गई थी। इस बार भी कोरोना गाइडलाइन के चलते इसका रूट छोटा ही रखा गया। शिप्रा नदी के किनारे रामघाट पर मंगल कलश का पूजन किया गया। और भगवान महाकाल के दर्शन कर कालिदास अकादमी परिसर में कलश की स्थापना की गई।

कलश पूजन के बाद मालवी लोक कलाकारों ने ढोल और झांझ की थाप नृत्य करते हुए शहर में यात्रा निकाली। कलश यात्रा का उद्देश्य उज्जैन शहर के लोगों को अखिल भारतीय कालिदास समारोह में निमंत्रण देने के लिए भी होता है। यात्रा मार्ग पर जगह-जगह आकर्षक रंगोलियां भी बनाई गई।

इस अवसर पर विधायक पारस जैन, विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडे, रूप पमनानी, अकादमी के प्रभारी निदेशक डॉक्टर संतोष पंड्या सहित जनप्रतिनिधि, प्रशासकीय अधिकारी, समाजसेवी मौजूद थे। सोमवार 15 नवंबर से सात दिवसीय अखिल भारतीय कालिदास समारोह का शुभारंभ होगा। समारोह में देशभर के कला, संस्कृति और साहित्य से जुड़े कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे।

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