- महाकाल मंदिर के विस्तार के लिए बड़ा कदम, हटाए गए 257 मकान; महाकाल लोक के लिए सवा दो हेक्टेयर जमीन का होगा अधिग्रहण
- भस्म आरती: मस्तक पर भांग, चन्दन, रजत चंद्र और आभूषणों से किया गया बाबा महाकाल का राजा स्वरूप में दिव्य श्रृंगार!
- महाकालेश्वर मंदिर में अब भक्तों को मिलेंगे HD दर्शन, SBI ने दान में दी 2 LED स्क्रीन
- उज्जैन में कला और संस्कृति को मिलेगा नया मंच, 1989.51 लाख रुपये में बनेगा प्रदेश का पहला 1000 सीट वाला ऑडिटोरियम!
- भस्म आरती: रजत के आभूषणों से किया गया बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार!
कालिदास समारोह या कथक समारोह
सात दिन में 7 कथक प्रस्तुतियां, अपर कलेक्टर ने मंच से कहा- अगले वर्ष नाट्य मंचन व नृत्य प्रस्तुति में संतुलन बनाएंगे
उज्जैन | अखिल भारतीय कालिदास समारोह का गुरुवार को समापन हो गया। सात दिनी समारोह में इस बार कथक की प्रस्तुतियां सबसे ज्यादा रहीं। सात दिनों में कथक की 7 प्रस्तुतियां हुईं। इसमें एक दिन ऐसा भी रहा, जब दो कथक प्रस्तुतियां हुई। जिससे यह पूरा समारोह कथक समारोह जैसा हो गया। समापन संध्या पर भी गुरुवार रात नईदिल्ली की रचना यादव एवं उनके साथी कलाकारों ने कथक समूह नृत्य किया। प्रस्तुति से पहले शाम 4 बजे हुए समापन समारोह में अपर कलेक्टर बिदिशा मुखर्जी ने भी मंच से यह स्वीकार किया कि इस बार कथक ज्यादा हुए हैं। अगले वर्ष नाट्य मंचन आैर कथक नृत्य में कलाकारों का सामंजस्य कर दोनों विधाओं को समतुल्य बनाएंगे। मुखर्जी को जिला प्रशासन की ओर से समारोह के लिए कार्यक्रम समन्वयक अधिकारी नियुक्त किया है।