कोरोना का असर:44 ट्रेन गुजरती थी उज्जैन से, इनमें 6 लोकल, अब केवल एक चल रही जिसके टिकट मिल रहे

कोरोना की दूसरी लहर ने अब ट्रेन पर भी अंकुश लगा दिया है। शहर के रेलवे स्टेशन से फिलहाल केवल एक लोकल ट्रेन चलाई जा रही है, जिसके टिकट बुकिंग काउंटर से लिए जा सकते हैं। वह ट्रेन है सुबह 5.30 बजे चलने वाली मेमू यानी उज्जैन दाहोद ट्रेन। इसमें रोज औसत 35 यात्री सफर कर रहे हैं। रेलवे ने 23 मार्च 2020 में पूरे देश की ट्रेन बंद कर दी थी। उसके बाद श्रमिक स्पेशल फिर स्पेशल ट्रेन का संचालन शुरू हुआ। 11 महीने बाद एक मार्च से फिर से 6 लाेकल ट्रेन की शुरुआत कर दी, जिनके टिकट बुकिंग काउंटर से मिलने लगे। लेकिन फिर एक-एक कर सभी ट्रेन बंद कर दी गई। अब केवल एक ट्रेन चलाई जा रही है। रेलवे ने इंदौर, नागदा, रतलाम, भोपाल, बीना के लिए 1 मार्च से ट्रेन की शुरुआत कर दी थी। ट्रेन बीच के सभी स्टेशन पर रुकी तो फिर से यात्रा शुरू हो गई। ढाई गुना बढ़ा हुआ किराया देकर भी यात्रा करने लगे। धीरे-धीरे यात्रियों ने सफर से दूरी बनाना शुरू कर दी। ऐसे में रेलवे ने कम यात्रियों को बड़ी वजह बताते हुए इन ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया।

35 यात्री से रेलवे को मिल रहे 1700 रुपए रोज

रेलवे टिकट बुकिंग काउंटर पर अब कतार नहीं है। आसानी से टिकट ले सकते हैं। छुट्‌टे की मारामारी भी नहीं है न ही ट्रेन छूटने की चिंता। सुबह 5.30 बजे चलने वाली मेमू में औसत 35 यात्री सफर कर रहे हैं। इससे रेलवे को औसत 1700 रुपए रोज मिल रहे हैं। कोराेना के पहले रेलवे के बुकिंग काउंटर से औसत 15 हजार यात्री टिकट लेते थे। उससे रेलवे को 6.50 लाख रुपए रोज औसत कमाई होती थी।

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