कोरोना वायरस: प्रशासन की ओर से गेर आयोजकों के साथ हुई बैठक

शहर में धारा 144 लागू होने के चलते पुलिस और प्रशासन की ओर से गेर आयोजकों के साथ हुई बैठक में उठा यह सवाल

उज्जैन. कोरोना वायरस का असर शहर के पारंपरिक गेर आयोजनों पर भी पड़ा है। गेर में जुटने वाली भीड़ और वायरस के असर के चलते अब शहर में निकलने वाली गेर के स्वरूप में परिवर्तन कर दिया गया है। गेर में अब अखाड़े नहीं निकलेंगे, सिर्फ ध्वज, मुघौटे और आठ सदस्यीय बैंड दल ही शमिल रहेगा। वहीं ढोल की संख्या भी एक-दो रहेगी। गेर का रुट भी छोटा होगा कहीं रुकेंगे भी नहीं। इसके अलावा गेर में शामिल होने वाले लोगों की संख्या भी सीमित रखी जाएगी। यह निर्णय गेर आयोजकों के साथ पुलिस प्रशासन की बैठक में लिया गया। अंत में एएसपी रूपेश कुमार द्विवेदी ने गेर आयोजकों को कोरोना वायरस से बचने की सलाह देते हुए सोशल मीडिया पर चल रही भ्रांतियों को दूर किया। उन्होंने कहा कि हल्दी खाने, धूप में खड़े रहने या किसी अन्य प्रकार के उपाय से कोरोना वायरस दूर नहीं होता। अब तक इस वायरस की दवा इजाद नहीं हो पाई है। बीमारी की गंभीरता इससे समझें कि चेचक महामारी घोषित हुई थी, इसके बाद कोरोना को। इस बीच बैठक में शामिल व्यक्ति ने कहा कि भांग खाने से कोरोना नहीं होता। इस पर एएसपी ने कहा कि इसके खाने से बीमारी ठीक तो नहीं होगी व्यक्ति जल्दी ऊपर पहुंच जाएगा।

एएसपी रूपेश कुुमार द्विवेदी व एडीएम आरके तिवारी के साथ हुई गेर आयोजकों की बैठक में बताया गया कि कोरोना वायरस के चलते शहर में धारा 144 लागू की गई है। इसमें सभा, जुलूस आदि पर रोक लगाई ईग है। ऐसे में गेर निकलती है और ज्यादा भीड़ जुटती है तो इससे वायरस फैलने का खतरा रहेगा। एएसपी द्विवेदी ने सभी आयोजकों से कहा कि वह परंपरागत निकलने वाली गेर को सीमित कर निकालें। गेर में अखाड़े नहीं शामिल करने को कहा गया। वहीं बैंड भी एक ही शामिल तथा आठ सदस्य ही रखने को कहा गया। वहीं गेर के रूट में भी कम करने तथा कहीं नहीं रुकने को भी कहा गया। प्रशासन के इस निर्णय पर गेर आयोजकों ने सहमति दी। बता दें, अगले शहर में विभिन्न स्थानों से 31 गेर निकलती है। इसमें करीब 17 से अधिक गेर अगले दिनों में निकलेंगी।

महाराष्ट्र से ढोल मंगवाए हैं, अग्रिम भुगतान कर दिया

बैठक में गेर आयोजकों ने अपनी समस्या भी रखी। एक गेर आयोजक का कहना था उन्होंने महाराष्ट्र से ढोल मंगवाए हैं और अग्रिम भुगतान भी कर दिया। ढोल में 40 के करीब लोग आएंगे। हालांकि एएसपी ने इतने लोगों के आने पर रोक की बात कही। वहीं एक आयोजक का कहना था कि अखाड़े पर रोक नहीं लगाएं। अखाड़े कहीं बाहर से नहीं बुलाते यह हमारे ही लोग रहते। एएसपी ने इस पर कहा कि अखाड़े निकालने से भीड़ जुटती है। अगर अखाड़े को प्रदर्शन करना है तो जहां से गेर प्रारंभ हो रही है वहीं करके खत्म कर दें।

 

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