- नंदी हाल से गर्भगृह तक गूंजे मंत्र—महाकाल के अभिषेक, भस्मारती और श्रृंगार के पावन क्षणों को देखने उमड़े श्रद्धालु
- महाकाल की भस्म आरती में दिखी जुबिन नौटियाल की गहन भक्ति: तड़के 4 बजे किए दर्शन, इंडिया टूर से पहले लिया आशीर्वाद
- उज्जैन SP का तड़के औचक एक्शन: नीलगंगा थाने में हड़कंप, ड्यूटी से गायब मिले 14 पुलिसकर्मी—एक दिन का वेतन काटने के आदेश
- सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का संदेश, उज्जैन में निकला भव्य एकता मार्च
- सोयाबीन बेचकर पैसा जमा कराने आए थे… बैंक के अंदर ही हो गई लाखों की चोरी; दो महिलाओं ने शॉल की आड़ में की चोरी… मिनट भर में 1 लाख गायब!
जलसंकट…कई घरों में नहीं आया पानी, 20 तो कहीं 10 मिनट चले नल
उज्जैन। शहर में एक दिन छोड़कर जल प्रदाय किए जाने की व्यवस्था तीसरे दिन ही बेपटरी हो गई। शुक्रवार को शहर में जल प्रदाय होना था। मगर कई कॉलोनियों में नल नहीं आए। जहां जलप्रदाय हुआ वहां नल 10 से लेकर 20 मिनट तक चले। इससे शहरवासियों को पानी के लिए परेशान होना पड़ा।
बता दें कि गंभीर डैम में पानी की कमी को देखते हुए तीन दिन पहले ही एक दिन छोड़कर जलप्रदाय करने की व्यवस्था लागू की गई है। शुक्रवार को जल प्रदाय होना था। उच्च स्तरीय टंकियों से पानी सप्लाई हुआ भी, मगर कई क्षेत्रों में नहीं पहुंचा। पीएचई ने कारण पाइपलाइन खाली रहने से प्रेशर नहीं बन पाना बताया। परिणाम स्वरूप लक्ष्मीनगर, ढांचा भवन, वेदनगर, शांतिनगर, राजीव रत्न नगर सहित कई कॉलोनियों में लोगों के घरों में पानी नहीं पहुंचा। पीएचई को दिनभर में कई कॉलोनियों से पानी न मिलने की शिकायतें प्राप्त हुईं। मालूम हो कि शहर में जलापूर्ति के मुख्य केंद्र गंभीर जलाशय में अब सिर्फ 10 दिन और शिप्रा नदी में 5 दिन सप्लाई करने जितना पानी उपलब्ध है।
26 या 27 मई को उज्जैन के लिए छोड़ेंगे नर्मदा का पानी
देवास के शिप्रा बेराज से 26 या 27 मई को उज्जैन के लिए नर्मदा का पानी छोड़ा जाएगा। यह पानी प्राकृतिक प्रवाह से उज्जैन पहुंचेगा। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण करीब 90 एमसीएफटी पानी उज्जैन के लिए छोड़ेगा, लेकिन उज्जैन 40 एमसीएफटी के आसपास ही पहुंचेगा। क्योंकि नदी का आधे से ज्यादा हिस्सा सूखा है। ऐसे में सूखी शिप्रा ही आधा पानी पी जाएगी।
पेयजल परिहवन के लिए 10 ट्रैक्टर किराए पर लिए, हाईडेंट का उपयोग
पीएचई ने शहर में पेयजल परिवहन के लिए 10 ट्रैक्टर किराये पर लिए हैं। ऊंचाई वाले जिन क्षेत्रों में पानी ठीक से पहुंच नहीं पाता या जिन परिवारों को शादी व अन्य समारोह के लिए पानी की अतिरिक्त आवश्यकता होती है, वहां टैंकर से पानी पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। पीएचई के पास 40 टैंकर हैं और 20 ट्रैक्टर। इनमें से फिलहाल 10 ट्रैक्टर किराये पर लिए गए हैं। पेयजल परिवहन में भरतपुरी, नानाखेड़ा, चिमनगंज मंडी, हरिफाटक ब्रिज, महानंदानगर में लगे हाईडेंट और कुओं के पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है।