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जिद से जीते हैं हम:तभी तो जहां लोग तैयार नहीं थे, वहां भी महिला स्वास्थ्यकर्मियों ने 100%से ज्यादा टीके लगाए
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- जिले में पहले डोज का 100% वैक्सीनेशन पूरा
यह खबर बड़ी राहत देने वाली है। आखिरकार 283 दिन के बाद सोमवार को जिले में लक्ष्य की तुलना में फर्स्ट डोज का 100 फीसदी वैक्सीनेशन कर दिया गया। ऐसे में 14.5 लाख से अधिक जिलेवासी सुरक्षा कवच में हैं। इस सुरक्षा कवच के साथ ही जनता को अभी भी एहतियातन मास्क लगाना जरूरी है।
जिले में 16 जनवरी को वैक्सीनेशन की शुरुआत हुई थी। पहले दिन 337 डोज लगाए थे। वैक्सीनेशन के लिए पात्र 15 लाख 63 हजार 902 के एवज में सोमवार शाम तक 14 लाख 48 हजार 463 लोगों को फर्स्ट डोज लगा दिया था। यह लक्ष्य का 92.61 फीसदी है। 92 फीसदी का आंकड़ा पार करने के साथ ही अब उज्जैन जिला शासन की वैक्सीनेशन की शत-प्रतिशत वाली सूची में शामिल हो सकेगा।
प्रशासन अब शनिवार तक ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों से शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन के प्रमाण-पत्र प्राप्त कर जिले को शत-प्रतिशत वैक्सीनेटेड जिला घोषित करने के लिए प्रतिवेदन शासन को भेजने की तैयारी में जुट गया है। यह बड़ी उपलब्धि है क्योंकि इन 283 दिनों के वैक्सीनेशन में कई उतार-चढ़ाव आए। जिले में सोमवार तक 7 लाख 77 हजार 136 लोगों ने सेकंड डोज लगवा लिया था। यह लक्ष्य की तुलना में 49.63 फीसदी है।
वैक्सीनेशन में कैसे उतार-चढ़ाव आए
- 16 जनवरी को वैक्सीनेशन की शुरुआत हुई थी। पहले दिन 337 डोज लगाए गए थे।
- शुरुआती दौर में टीका लगवाने वाले अधिक थे और वैक्सीन कम।
- कई सेंटरों पर वैक्सीन लगवाने के लिए लंबी कतारें लगती रही हैं।
- जहां वैक्सीन लगवाने से लोग डर रहे थे, इन्हें समझाइश देकर लक्ष्य पूरा किया गया।
- वैक्सीनेशन के लिए महाअभियान भी चलाए गए। इसके तहत एक दिन (25 अगस्त) में जिले में सर्वाधिक 1 लाख 25 हजार 642 डोज भी लगाए।
- वैक्सीनेशन में प्रशासन-पुलिस, स्वास्थ्य, नगर निगम, महिला एवं बाल विकास, पंचायत, शिक्षा सहित कई विभागों का अमला जुटा रहा है।
ऐसे जतन भी करना पड़े : कायथा के बंजाराखेड़ा के ग्रामीण वैक्सीन लगवाने को तैयार नहीं थे
वैक्सीनेशन के लिए अधिकारियों को काफी जतन करना पड़े। कायथा के बंजारा खेड़ा में भी अधिकारियों को लोगों को वैक्सीनेशन के लिए मनाने में काफी मशक्कत करना पड़ी थी। एसडीएम एकता जायसवाल कहती हैं कि गांव में बंजारा समाज के ही परिवार रहते हैं। परिवार के मुखिया यानी पुरुष अन्य प्रांतों में जाकर कंबल बेचते हैं। वैक्सीनेशन के लिए जब आशा व आंगनवाड़ी कार्यकर्ता गांव में पहुंची थी तो यहां की महिलाओं ने उन्हें स्पष्ट कर दिया था कि वे वैक्सीन नहीं लगवाएंगी।
तब एसडीएम टीम के साथ गांव पहुंची और महिलाओं को समझाइश दी। उन्हें बताया कि बच्चों को भी टीके लगते हैं उससे उनकी सुरक्षा होती है। इस टीके से बड़ों की सुरक्षा होगी। अगले दिन एक-दो महिलाएं टीका लगवाने आगे आई। इसके बाद एक ही दिन में इस गांव में 280 लोगों को वैक्सीन लगाई गई थी। तराना अनुभाग में कई ऐसे गांव व क्षेत्र हैं जहां लोगों को वैक्सीनेशन के लिए समझाइश देना पड़ रही है।
मंगलवार को यहां टीके शहर में 47 सेंटरों पर कोविशील्ड और 6 सेंटरों पर कोवेक्सीने के टीके लगाए जाएंगे। वैक्सीनेशन के लिए प्री-बुकिंग अनिवार्य नहीं।
वैक्सीनेशन में अब आगे यह
तीन दिन तक वाहन तैनात रहेंगे : जिन ग्राम पंचायतों में 10 से ऊपर 100 तक व्यक्ति वैक्सीनेशन से छूट गए हैं, वहां अगले तीन दिनों में मोबाइल वैक्सीनेशन टीम भेजकर शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन किया जाएगा।
छूटे लोगों को मोबाइल कर बुलाएंगे: सेकंड डोज का बैकलॉग 3.57 लाख हो गया है। सभी एसडीएम लोगों को फोन करवाएंगे व सेंटर तक लेकर आएंगे।
जल्द ही शासन को प्रतिवेदन भेजा जाएगा। ताकि जिले के 100 फीसदी वैक्सीनेशन की घोषणा हो सके।
-डॉ. केसी परमार, जिला टीकाकरण अधिकारी
100 प्रतिशत वैक्सीनेशन की ओर ऐसे बढ़ा जिला
कई गांवों में लोग वैक्सीन लगवाने को तैयार नहीं थे। महिला स्वास्थ्य कर्मचारी सहयोगी स्टाफ के साथ में डटी रही और लोगों को वैक्सीन के लिए तैयार कर लिया। स्वास्थ्य कार्यकर्ता मंजू वर्मा ने उप स्वास्थ्य केंद्र निनौरा में वैक्सीनेशन का लक्ष्य पूरा किया। यहां पर 2011 लोगों को टीके लगाए जाना थे, जिनमें से सभी टीके लगाए गए हैं।
ग्राम पंचायत को 18 प्लस के टीकाकरण के लिए 100 प्रतिशत वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट जारी हो गया है। खाचरौद तहसील के गांव इटावा में एएनएम नंदनी जोशी की समझाइश के बाद लोग टीका लगवाने को तैयार हो गए। यहां 250 का टारगेट था लेकिन 290 लोगों को टीके लगाए गए। लक्ष्य से 40 टीके ज्यादा लगाए गए। खाचरौद के बेरछा में भी 250 लोगों को टीका लगाए जाने का टारगेट था। एएनएम शोभना शेर ने 293 लोगों को टीके लगाकर रिकॉर्ड बनाया है।